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उत्तराखंड

एनएच 9 के किनारे पर्यटन और अध्यात्म के पथ पर दौड़ रहा हिसार, इन क्षेत्रों में भरेगा उड़ान

हिसार में हाईवे के किनारे टोल के पास श्री तिरुपति बालाजी धाम मंदिर है, जो दक्षिण भारत की मंदिर शैली पर विकसित है। यहां भी श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह मंदिर दक्षिण के उस काले पत्थर से बना है, जिससे अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठित की गई प्रभु श्रीराम की मूर्ति बनी है।

नेशनल हाईवे 9 के किनारे पर्यटन और अध्यात्म के बढ़ते केंद्रों के कारण हिसार इन क्षेत्रों में उड़ान भर रहा है। अश्व अनुसंधान केंद्र को पर्यटन स्थल के रूप में तेजी से विकसित किया जा रहा है। वहीं धर्म स्थल के रूप में अग्रोहा धाम विराट स्वरूप लेता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने भी इसे पर्यटक स्थल घोषित किया है। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मेडिकल कॉलेज, उच्च स्तरीय टूरिस्ट रिसोर्ट की सुविधा होने के कारण इस हाईवे पर विकास की अपार संभावनाएं देखी जा रही हैं।

कैफेटेरिया बनेगा और आर्गेनिक वस्तुओं के लगेंगे स्टाल
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के डायरेक्टर टीके भट्टाचार्य का कहना है कि घुड़सवारी, बग्घी और तांगा सवारी की सुविधा देने के साथ केंद्र को पर्यटन से जोड़ने का काम शुरू किया गया है। अच्छे परिणाम आ रहे हैं। करीब 35 पर्यटक रोजाना घुड़सवारी के लिए आ रहे हैं। इस क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए अब यहां कैफेटेरिया विकसित करने की योजना है। अभी सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक का समय तय है, जल्द ही समय बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा केंद्र में तैयार आर्गेनिक वस्तुओं के स्टाल भी लगाएंगे।

अग्रोहा धाम में जल्द शुरू होंगे दो म्यूजियम
अग्रोहा धाम प्रबंध तंत्र से जुड़े एवं हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग का कहना है कि अग्रोहा धाम ऐतिहासिक होने के कारण प्रमुख धर्म स्थलों में गिना जाता है। दुनियाभर से श्रद्धालु यहां आते हैं। तेजी से धाम का विकास किया जा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। जल्द ही दो म्यूजियम तैयार हो जाएंगे। प्रदेश सरकार भी धाम को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा कर चुकी है। महाराजा अग्रसेन का स्थान होने के कारण अग्रबंधुओं के लिए यह ऐतिहासिक धरोहर भी है। परिसर में देवी महालक्ष्मी और सरस्वती की मनमोहक मूर्ति है। माता वैष्णोदेवी की गुफा भी बनाई गई है। महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज भी इसी हाईवे पर है। इसलिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं।

जिस पत्थर से प्रभुश्री राम की मूर्ति बनी उससे बना तिरुपति मंदिर
हाईवे के किनारे टोल के पास श्री तिरुपति बालाजी धाम मंदिर है, जो दक्षिण भारत की मंदिर शैली पर विकसित है। यहां भी श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह मंदिर दक्षिण के उस काले पत्थर से बना है, जिससे अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठित की गई प्रभु श्रीराम की मूर्ति बनी है। मंदिर पर विकास कार्य भी चल रहे हैं। मंदिर का संचालन अखिल भारतीय श्री बैकुंठ नाथ सेवा धर्मार्थ ट्रस्ट कर रहा है। मंदिर के ट्रस्टी राम निवास अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में भगवान बैंकटेश्वर की पूजा होती है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में धर्मशाला का निर्माण शीघ्र कराया जाएगा। इसके साथ ही इस हाईवे पर मां कामाख्या मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, शीला माता मंदिर इसी मार्ग पर स्थित हैं।

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