उत्तराखंड

उत्तराखंड के इन शहरों में 30 फीसदी तक महंगी होगी जमीन, यहां बढ़ेंगे ढ़ें सबसे ज्यादा दाम

उत्तराखंड के इन शहरों में 30 फीसदी तक जमीन महंगी हो सकती है। नैनीताल जिले में जमीनों के सर्किल रेट बढ़ने जा रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार सबसे ज्यादा बढ़ोतरी धारी व मुक्तेश्वर के सर्किल रेट में की जाएगी।
यहां मौजूदा सर्किल रेट से करीब 30 फीसदी तक बढ़ोतरी के प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।
यदि ऐसा हुआ तो मुक्तेश्वर में सड़क से लगते इलाकों में सरकारी सर्किल रेट ही साढ़े सात हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच सकता है। वहीं हल्द्वानी के गौलापार सहित आसपास के सभी इलाकों में करीब 10 से 20 फीसदी के बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। बढ़ी हुई दरें नए साल से लागू हो सकती हैं।दो सालों से सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए हैं। ऐसे में सरकारी की कोशिश है कि इस बार एक जनवरी से सर्किल रेट में बढ़ोतरी की जाए। इस संबंध में जिलों से प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।

देहरादून में मल्यांकन समिति की बैठक भी हो चुकी है। नैनतीाल जिले में धारी, मुक्तेश्वर व रामगढ़ में सर्किल रेटों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है।दरअसल, इन इलाकों में बाहरी राज्यों से काफी संख्या में लोग जमीनें खरीद रहे हैं। इसलिए हिमालय व्यू वाले इलाकों में सर्किल रेट में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है।
मुक्तेश्वर में सड़क से लगते इलाकों में इस समय में सर्किल रेट छह हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है। वहीं धारी में यह पांच हजार रुपये वर्ग मीटर है।
यहां ज्यादा बढ़ेंगेजमीनों के दाम धानाचूली, मुक्तेश्वर, आमखेत, भवाली, सतकोट, छतोला, भीमताल, नौकुचियाताल, रामगढ़, ज्योलीकोट, रामनगर
हल्द्वानी में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी संभव हाईकोर्ट की हल्द्वानी शिफ्टिंग के बाद अचानक से गौलापार में जमीनों के रेट बढ़ गए हैं। पर यहां सरकारी सर्किल रेट अधिकतम 20 फीसदी तक ही बढ़ाने का प्रस्ताव है। हल्दूचौड़, लामाचौड़ क्षेत्र में व्यवसायिक जमीनों के दाम ज्यादा बढ़ेंगे।सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्धारण करने से पहले ये देखा जाएगा कि इन दो सालों में सबसे अधिक जमीन की खरीद-फरोख्त कहां हुई है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में भी जमीन की खरीद फरोख्त बढ़ी है। यहां भी सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button