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उत्तराखंड

नगर निगम द्वारा जिस प्रकार से संपत्ति कर / भवन कर के नाम पर व्यापारियों एवं आमजन का उत्पीड़न किया जा रहा हैं

नगर निगम द्वारा बढ़ाए गए वर्ष 2016-2017 से ससंपत्ति कर / भवन कर एवम उसके ऊपर ब्याज लगाने के संदर्भ में।
महोदय,
नगर निगम द्वारा जिस प्रकार से संपत्ति कर / भवन कर के नाम पर व्यापारियों एवं आमजन का उत्पीड़न किया जा रहा हैं वह उचित नही हैं दून वैली महानगर उधोग व्यापार मंडल का आपसे आग्रह हैं कि आप द्वारा जो स्वत: कर निर्धारण निति वर्ष 2016-2017 में लागू की गई थी उसे निरस्त किया जाए और नई कर प्रणाली से कम से कम कर ही दुकानदारों पर लगाया जाए ताकि वह उसे अदा कर सके।
जैसा कि सर्व विदित हैं कि 2 से 3 वर्ष पहले कोरोना जैसी महामारी के कारण दुकानों पर उतना व्यापार नही हुआ और लॉकडाउन की वजह से 6 महीने प्रतिवर्ष दुकानें बंद रही और अनेको व्यापारियों की मृत्यु भी इस महामारी के चलते हुईं जिससे व्यापारी वर्ग अभी तक नही उभर पाया हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि आप द्वारा पिछले 7 वर्षो का संपत्ति कर/ भवन कर दुकानदारो एवं आम जन पर वर्ष 2016-2017 से बढ़ा कर लगाया जा रहा हैं और उस पर 12% का ब्याज प्रतिवर्ष के दर से लगाया जा रहा हैं जोकि बिलकुल अनुचित हैं हमारा आपसे आग्रह हैं कि ब्याज पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए और जो संपत्ति कर / भवन कर में जो बढ़ोतरी वर्ष 2016-2017 से की जा रही हैं उसे भी कम किया जाए ।


इसके पश्चात जो कर बनता हैं उसमे से कोरोना काल के 2 से 3 साल के कर को माफ किया जाए और बाकी बचे कर को व्यापारियों के लिए 1 वर्ष की आसान किश्तो में जमा कराने की सुविधा दी जाए।
हमारा आपसे यह भी कहना हैं कि जिस प्रकार से प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा दुकानों का सर्वे किया जा रहा हैं उससे भी व्यापारियों के मन में कही न कही डर व्याप्त हैं कि यह कर्मचारी दुकानों में आकर पूरी दुकानों के अंदर की विडियो फुटेज मापने के साथ साथ पूरी दुकान खंगाल जाते हैं जिससे व्यापारी के मन मे यह भय हैं कि किसी वक्त कोई अप्रिय घटना व्यापारी के साथ न घटित हो जाए इसलिए आपसे निवेदन हैं कि इस सर्वे की कार्यवाही को तुरंत रोका जाए।
हमारा आपसे यह पुन: आग्रह हैं कि यदि व्यापारी स्वत: कर निर्धारण के अंतगर्त फार्म भरता हैं तो उसकी मूल रकम के साथ साथ ब्याज की रकम जुड़ने के कारण उसकी और मांग की धनराशी लगभग दुगनी से भी ज्यादा हो जाती हैं इसलिए ब्याज की रकम को पूर्ण रूप से माफ़ किया जाए।


दून वैली महानगर उधोग व्यापार मंडल देहरादून द्वारा आपसे यह भी कहना हैं कि एक व्यापारी द्वारा अपने पूरे जीवन काल में इतने सारे कर अदा किए जाए जाते हैं कि वह इन्हे अदा करते करते ही समाप्ति की ओर बढ़ जाता हैं एक व्यापारी द्वारा सरकार को उनके विभागो जैसे, जी.एस.टी, इनकम टेक्स, व्यवसायिक कर/भवन कर, रोड टैक्स, सिविर टैक्स, वाटर टैक्स, बिजली बिल इसके बावजूद बेरोजगारो को रोजगार देना अपने परिवार का भरण पोषण करने के अलावा और भी सारी जिम्मेदारी निभाता हैं हमारा आपसे कहना हैं कि एक व्यापारी पर इतना बोझ न डाला जाए जिससे कि उसकी कमर ही टूट जाए। क्योंकि व्यापारी भी देश की अर्थवयस्था का चौथा स्तंभ है कृपया उस पर इस प्रकार के कर लगाकर उसे और ज्यादा प्रताड़ित न किया जाए।
व्यापारियों एवं आम नागरिको की इस विकट समस्या का निदान किया जाए व्यापारी वर्ग एवं आमजन सदैव आपका आभारी रहेगा।
धन्यवाद्
पंकज मैसोन अध्यक्ष
दून वैली महानगर उधोग व्यापार मंडल
देहरादून
सम्पादक :
दैनिक जागरण, हिन्दुस्थान, अमर उजाला एवम समस्त प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया।

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