उत्तराखंड

निजी भूमि पर पेड़ काटने की अनुमति देना पर्यावरण को नष्ट करने और भूमाफिया को बढ़ाने वाला कदम होगा

डॉक्टर महेश भंडारी (अध्यक्ष दून रेजिडेंट्स वेलफेयर फ्रंट एवम डालनवाला वेलफेयर सोसायटी तथा संयुक्त नागरिक संगठन के संस्थापक)ने अपने बयान मे कहा है कि Uttrakhand Tree protection Act Act 1976 में प्रस्तावित संशोधन निजी भूमि पर पेड़ काटने की अनुमति देना पर्यावरण को नष्ट करने और भूमाफिया को बढ़ाने वाला कदम होगा। डालनवाला क्षेत्र में बड़ी बड़ी कोठिया जिसने लोग प्लाटिंग करना चाहते है लेकिन पेड़ो को काटने की अनुमति नहीं मिलती थी अब उनके लिए पेड़ काटने के बाद छोटे छोटे प्लॉट बेचना आसान हो जाएगा जो पर्यावरण संरक्षण के लिए अभिशाप बनेगा।उनके अनुसार एक तरफ हरियाली खत्म होगी दूसरी ओर ऑक्सीजन की कमी आई तापमान में वृद्धि होगी। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा जिससे व्हीकल्स बढ़ेंगे ज्यादा कार्बन का emmission होगा और इसे सोखने के लिए पेड़ होंगे नही और सारे इकोसिस्टम पर बुरा परभाव पड़ेगा।कहा है की इस कानून में संशोधन करने पर पुन्: विशेषज्ञों की राय लेने के बाद ही कोई उचित कदम उठाना तर्कसंगत होगा। प्रेषकः- सुशील त्यागी सचिव संयुक्तनागरिकसंगठन

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