उत्तराखंड

 हिमाचल में 24 साल बाद इन दो दिग्‍गजों के बिना होगा चुनाव, 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। इस बार भी मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच है। 24 साल बाद यह पहला अवसर है जब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल चुनाव में मुख्य भूमिका में नहीं होंगे। विधानसभा व लोकसभा चुनाव में प्रचार व प्रबंधन की कमान इनके हाथों में रहती थी। हर चुनावी रैली व जनसभा में ये नेता एक-दूसरे पर तीखे हमले करते थे। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में सर्वमान्य नेता की कमी खल रही है। पहली बार कांग्रेस वीरभद्र सिंह के बिना विधानसभा चुनाव लड़ रही है। हालांकि मंडी संसदीय सीट व तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार परिस्थितियां भिन्न हैं।

वीरभद्र सिंह वर्ष 1983 में प्रदेश की राजनीति में आए थे। कांग्रेस की तरफ से वह हमेशा स्टार प्रचारक व चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालते थे। वह छह बार मुख्यमंत्री बने। सांसद बनने के बाद वह केंद्रीय बने। वीरभद्र सिंह ने पहला चुनाव वर्ष 1962 में लड़ा था। वह 25 साल की आयु में सांसद बने थे। 1967, 1971, 1980 व 2009 में सांसद चुने गए थे।

भाजपा की तरफ प्रेम कुमार धूमल इस बार चुनाव मैदान में नहीं होंगे। वर्ष 1998 में उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था, तब से वह चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे थे। वह दो बार सांसद भी रह चुके हैं। इस बार उन्होंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। हालांकि वह पार्टी के लिए काम करेंगे। पिछले चुनाव में भाजपा ने पहले मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया था। काफी देर बाद उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पड़ा।

प्रेम कुमार धूमल का राजनीति में अलग कद है। उन्होंने वर्ष 1989 में लोकसभा का चुनाव जीता था और वर्ष 1998 में मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2007 से 2012 तक फिर मुख्यमंत्री बने। हर विधानसभा क्षेत्र में उनके समर्थक हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button