अखिलेश यादव की बेटी अदिति के इस अंदाज ने जीता लोगों का दिल, मां डिंपल के चुनाव प्रचार में छोड़ गईं छाप
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव लोकसभा चुनाव के प्रचार में पहली बार अपनी मां डिंपल यादव के साथ नजर आईं। अदिति का भी उनकी मां की तरह सादापन और गंभीर अंदाज लोगों के दिल को छू रहा है। वैसे अदितिकी फैन फॉलोइंग की बात करें तो ये भी जबरदस्त है।
लोकसभा चुनाव 2024 में डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वे चुनाव प्रचार के लिए सोमवार को कुसमरा पहुंची तो साथ में उनकी बेटी अदिति यादव भी नजर आईं। कुसमरा में आयोजित सम्मेलन में अदिति यादव ने कोई भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं लिया, बल्कि वे कार्यकर्ताओं के बीच में नजर आईं। इस दौरान जब मां डिंपल यादव ने बोलना शुरू किया तो वे हर शब्द को गौर से सुनती और समझती रहीं। अदिति यादव की बात करें तो वे सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 3.66 लाख फॉलोअर्स हैं, तो वहीं एक्स पर ये संख्या 3.06 लाख है।
सैफई परिवार से मुलायम सिंह यादव ने सियासत में कदम रखा था। इसके बाद भाई शिवपाल सिंह यादव और प्रो.रामगोपाल यादव भी राजनीति में आए। फिर नंबर आया दूसरी पीढ़ी यानी बेटे अखिलेश यादव और भतीजे धर्मेंद्र यादव का। इसके बाद बहू डिंपल यादव भी राजनीति में उतर आईं।
तीसरी पीढ़ी के रूप में मुलायम सिंह के पोते तेजप्रताप यादव ने मैनपुरी से 2014 के लोकसभा उप चुनाव में जीत हासिल कर संसद की सीढ़ी चढ़ी। इसके बाद लगभग एक दशक से सैफई परिवार के किसी नए सदस्य ने सियासत में कदम नहीं रखा है। लेकिन अब सैफई परिवार का एक नया सदस्य सियासत का ककहरा सीख रहा है।
हम बात कर रहे हैं सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव की। 22 वर्ष की अदिति सोमवार को कुसमरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में नजर आईं। वे अपनी मां डिंपल यादव के साथ ही यहां पहुंचीं थीं। यहां मां डिंपल यादव ने जब कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो वह बड़ गौर से एक-एक शब्द सुनती नजर आईं। वहीं कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से वार्ता के दौरान भी अदिति बारीकी से सब कुछ सीखतीं नजर आईं। ऐसे में कहीं न कहीं इसे अदिति की राजनीति में कदम रखने से पहले की तैयारी माना जा रहा है।
मंच पर नहीं कार्यकर्ताओं के बीच बनाई जगह
कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचीं अदिति यादव चाहतीं तो मंच पर मां डिंपल यादव के साथ भी बैठ सकती थीं। लेकिन उन्होंने अपनी जगह नीचे कार्यकर्ताओं के बीच बनाई। कुछ महिला कार्यकर्ताओं के बीच वे सादगी से बैठीं नजर आईं। या यूं कहें कि कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर वे उनसे जुड़ने की कोशिश करती नजर आईं। कारण चाहे जो भी हो लेकिन लोगों के बीच अदिति यादव के राजनीति में आने की चर्चाओं ने जोर जरूर पकड़ लिया है।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें