अटल उत्कृष्ट स्कूल का रिजल्ट खराब… शासन ने भी माना जल्दबाजी करने से हुई गलती,
सरकार ने 2020 में प्रदेश के विभिन्न राजकीय इंटर काॅलेज बिना किसी तैयारी के अटल उत्कृष्ट स्कूल घोषित कर दिया था। जिन्हें बाद में सीबीएसई से संबद्ध कर दिया गया। जिससे छात्र-छात्राओं को सीबीएसई से पढ़ाई और परीक्षा पैटर्न समझने में दिक्कत आई।
प्रदेश के अटल उत्कृष्ट स्कूल का रिजल्ट खराब आने पर शासन भी मान रहा है कि इसे आनन-फानन लागू करने से गलती हुई है। शिक्षा सचिव भी कहते हैं कि सीबीएसई पैटर्न को छोटी कक्षा से लागू किया जाना चाहिए था।
दरअसल सरकार ने 2020 में प्रदेश के विभिन्न राजकीय इंटर काॅलेज बिना किसी तैयारी के अटल उत्कृष्ट स्कूल घोषित कर दिया था। जिन्हें बाद में सीबीएसई से संबद्ध कर दिया गया। जिससे छात्र-छात्राओं को सीबीएसई से पढ़ाई और परीक्षा पैटर्न समझने में दिक्कत आई।
नतीजा यह रहा कि 12वीं की परीक्षा में आधे छात्र फेल हो गए, जबकि 10वीं का परीक्षा परिणाम भी कुछ खास नहीं रहा। इससे बच्चे निराश हो रहे हैं। शासन का मानना है कि उनकी इस निराशा के चलते वे पढ़ाई छोड़ सकते हैं।
दरअसल सरकार ने 2020 में प्रदेश के विभिन्न राजकीय इंटर काॅलेज बिना किसी तैयारी के अटल उत्कृष्ट स्कूल घोषित कर दिया था। जिन्हें बाद में सीबीएसई से संबद्ध कर दिया गया। जिससे छात्र-छात्राओं को सीबीएसई से पढ़ाई और परीक्षा पैटर्न समझने में दिक्कत आई।
नतीजा यह रहा कि 12वीं की परीक्षा में आधे छात्र फेल हो गए, जबकि 10वीं का परीक्षा परिणाम भी कुछ खास नहीं रहा। इससे बच्चे निराश हो रहे हैं। शासन का मानना है कि उनकी इस निराशा के चलते वे पढ़ाई छोड़ सकते हैं।