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उत्तराखंड

कांग्रेस को परिवार नियोजन में सख्ती पड़ी थी भारी; शादी की उम्र को लेकर भी कही गई थी ये बात

सरकार ने लोगों से कहा था कि वे बेटी की शादी 23 साल की होने के बाद करें। अभियान में लोगों से यह भी कहा गया था कि लड़कों की शादी 27 वर्ष के बाद करें।

परिवार नियोजन को लेकर सरकार के फैसलों और आपातकाल में बरती गई सख्ती की वजह से कांग्रेस को सत्ता से हटना पड़ा था। बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए 1977 के आम चुनाव से ठीक पहले सरकार ने एक बड़ा अभियान शुरू किया था। सरकार ने लोगों से कहा था कि वे बेटी की शादी 23 साल की होने के बाद करें। अभियान में लोगों से यह भी कहा गया था कि लड़कों की शादी 27 वर्ष के बाद करें। कांग्रेस सरकार के ये फैसले चुनाव में भारी पड़ गए।

अमर उजाला के 8 जनवरी 1977 के अंक में प्रकाशित समाचार के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य उपमंत्री एकेएम इशाक ने कोलकाता में पत्रकारों को इस योजना की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि सरकार देश में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 23 वर्ष करने का जोरदार अभियान चला रही है। सरकार ऐसा इसलिए चाहती है, क्योंकि लड़कियां 15 से 23 वर्ष की आयु के बीच अधिक बच्चे पैदा करती हैं। लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने से परिवार नियोजन कार्यक्रम में मदद मिलेगी।

इशाक ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को इस बारे में पत्र लिख चुकी है। राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे इस अभियान में केंद्र की मदद करें। सरकार के मंत्री ग्रामीण इलाकों का दौरा कर जनता को इस बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा था कि इस दिशा में अच्छी प्रारंभिक सफलता मिली है। साथ ही दावा किया था कि शिक्षित परिवार सरकार के इस अभियान को स्वीकार कर रहे हैं। अत्यंत पिछड़े लोग भी इसे ठीक मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि नसबंदी पर भी सरकार का जोर है। वित्तीय वर्ष के अंत तक सरकार को बड़ी संख्या में नसबंदी होने की उम्मीद है। अक्तूबर तक ही देश में 43 लाख लोगों की नसबंदी हो चुकी थी।

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