परीक्षा नियंत्रक पोखरिया की जमानत खारिज,
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती घोटोले में गिरफ्तार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया की जमानत न्यायालय विशेष न्यायाधीश सतर्कता अधिष्ठान चंद्रमणि राय की अदालत ने खारिज कर दी है।
आरोपित राजेंद्र पोखरिया के अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवाड़ी ने दलील दी कि वह आठ अक्टूबर 2022 से जेल में बंद है। उसके विरुद्ध साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। उन्हें केवल विवेचना के दौरान झूठे गवाह व मात्र बयानों के आधार पर आरोपित बनाया गया है।
पोखरिया आयोग में परीक्षा नियंत्रक के रूप में नियुक्त हुए थे। कुछ व्यक्तियों ने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए एक आख्या शासन को प्रेषित की, जिसमें वीपीडीओ की परीक्षा में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। परीक्षा में 2018 की नियमावली का अनुसरण किया गया था।
शासकीय अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने तर्क दिया कि आरोपित वीपीडीओ भर्ती के दौरान परीक्षा नियंत्रक थे। मामला रुपये लेकर अपात्र लोग को सरकारी नौकरी देने का होते हुए भ्रष्टाचार से संबंधित है। इसलिए जमानतपत्र निरस्त किया जाए। इस दौरान केस डायरी के साथ-साथ दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित के जमानत प्रार्थनापत्र को निरस्त कर दिया।