Home Tuition in Dehradun
उत्तराखंड

 फैशन की इतनी बड़ी कीमत! पेड़ों की कटाई, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, कई बड़े ब्रांड्स के नाम

अर्थसाइट की इस रिपोर्ट को ‘फैशन क्राइम’ नाम दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि सैटेलाइट तस्वीरों, कोर्ट के आदेशों और शिपमेंट के रिकॉर्ड से पता चला है कि कई फैशन कंपनियां ब्राजील की दो बड़ी कंपनियों एसएलसी एग्रिकोला और होरिता ग्रुप से कपास खरीद रहे हैं।

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई बड़े फैशन ब्रांड्स जैसे एचएंडएम और जारा आदि उन कंपनियों से कपास खरीदते हैं, जिन पर ब्राजील में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई, जमीन कब्जाने, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। पर्यावरण समूह अर्थसाइट की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राजील में कपास की खेती की वजह से जैव विविधता वाले इलाकों में पेड़ों की कटाई हो रही है, जिससे पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है।

रिपोर्ट में लगाए गए ये आरोप
अर्थसाइट की इस रिपोर्ट को ‘फैशन क्राइम’ नाम दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि सैटेलाइट तस्वीरों, कोर्ट के आदेशों और शिपमेंट के रिकॉर्ड से पता चला है कि कई फैशन कंपनियां ब्राजील की दो बड़ी कंपनियों एसएलसी एग्रिकोला और होरिता ग्रुप से कपास खरीद रहे हैं। इन दोनों कंपनियों पर पर्यावरण के लिए संवेदनशील ब्राजील के जैव विविधता वाले इलाके सेराडो में कपास की खेती के लिए पेड़ों की कटाई के गंभीर आरोप हैं। वहीं इस कपास को बेटर कॉटन द्वारा सर्टिफाइड किया गया है, जिससे कपास की नियामक प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हुए हैं। 

पर्यावरण के लिए खतरनाक
ब्राजील में बड़े पैमाने पर कृषि आधारित उद्योग संचालित हो रहे हैं, जिससे दुनिया में सबसे ज्यादा जैव विविधता वाला ब्राजील का इलाका सेराडो तेजी से खत्म हो रहा है। अर्थसाइड के आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 से 2023 के बीच ब्राजील की कंपनियों एसएलसी और होरिता ग्रुप ने करीब 8,16,000 करोड़ टन कपास का निर्यात किया। इस दौरान सेराडो का करीब एक लाख हेक्टेयर का क्षेत्र में पेड़ काटे गए। यह कपास आठ एशियाई कपड़े बनाने वाली कंपनियों को भेजा गया, जिनके ग्राहकों में कई बड़े ब्रांड जैसे एचएंडएम और जारा जैसे नाम शामिल हैं। रिपोर्ट के सामने आने के बाद मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं फैशन कंपनियों जारा और एचएंडएम ने भी आरोपों को लेकर गंभीरता दिखाई है और जांच में मिले तथ्यों की जानकारी देने की मांग की है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button