बार-बार चला पुनरीक्षण अभियान.. फिर भी सालों बाद मतदाता सूची में जिंदा मृतक इंसान
देहरादून कैंट विधानसभा क्षेत्र के प्रेमनगर के बूथों पर मतदाता सूची में खामियां मिली। जब भी चुनाव होता है मतदाता सूची में मृतक लोगों के नाम सामने आते हैं।
कैंट विधानसभा क्षेत्र के प्रेमनगर निवासी ओपी शर्मा की मौत करीब 15 साल पूर्व हो चुकी है, लेकिन आज भी निर्वाचन आयोग के लिए वह मतदाता हैं। इसी तरह धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के पटेलनगर निवासी मोहनलाल की मौत 2004 में ब्रेन हेमरेज के कारण हो चुकी है, पर मतदाताओं की सूची में उनका नाम आज भी शामिल है।
ये दो नाम सिर्फ बानगी हैं। आज भी सैकड़ों मामले ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है, लेकिन आज तक उनका वोट नहीं काट गया। जब भी चुनाव होता है मतदाता सूची में वह जिंदा नजर आते हैं। दरअसल, निर्वाचन आयोग विस चुनाव हो या फिर लोकसभा, मतदाता सूची को समय-समय पर अपडेट करता है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी कई बार मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चलाया गया। सरकार की ओर से करोड़ों रुपये इस काम में खर्च किए गए, लेकिन गंभीरता नहीं बरती गई।
शुक्रवार को हुए मतदान में इसका खुलासा हुआ। अकेले कैंट विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में गंभीर गलतियां दिखाई दीं। इसको लेकर बीएलओ भी असहज दिखाई दिए। कुछ बीएलओ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुनरीक्षण अभियान के दौरान कई बार वोट काटने के लिए लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कैंट विधानसभा की सूची में ये लोग आज भी जिंदा
कैंट विधानसभा क्षेत्र के प्रेमनगर में रामप्रकाश, हरपाल, रीता वर्मा, विरेंद्र वर्मा, आरबी चतुर्वेदी, आत्मा सिंह, सुरजीत कौर सहित सहित सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिनमें से किसी की मौत दो साल पहले तो किसी की पांच साल पहले हो चुकी है। आज तक इनका नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया गया है। इसके अलावा बूथ नंबर 29 पर पांच, 30 पर सात लोगों के नाम मौत के बाद भी सूची में हैं।
अन्य गलतियां भी आईं सामने
चुनाव के दौरान मतदाता सूची में कई गलतियां देखने को मिलीं। कई लोगों ने संशोधन के लिए आवेदन किया था, लेकिन संशोधन नहीं हुआ। कुछ युवतियों की शादी अन्य शहरों में हुई है, लेकिन इनके नाम आज भी सूची में हैं। ऐसे में नई जगह उनका वोट नहीं बन पाया और वह यहां भी वोट नहीं डाल पाती हैं।
इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो यह गंभीर मामला, इसे दिखवाया जाएगा। जो भी इस तरह के नाम मतदाता सूची में होंगे उन्हें हटाया जाएगा। – झरना कमठान, सीडीओ