महिला चालकों को मिलेगा बराबरी का हक, सात वर्षों से ऑटो स्टैंड की लड़ाई लड़ रही थी गुलिस्तां
महिला चालकों को अब बराबरी का हक मिलेगा। पिछले सात वर्षों से राजधानी देहरादून में ऑटो स्टैंड की लड़ाई लड़ रही गुलिस्तां और चार महिलाओं की मेहनत आखिरकार रंग लाई।
पिछले सात वर्षों से महिला ऑटो स्टैंड की मांग कर रहीं गुलिस्तां और अन्य महिला चालकों को अब उनका हक मिलेगा। परिवहन विभाग ने नगर निगम, यातायात पुलिस, लोनिवि से सामंजस्य बिठाकर पिंक ऑटो स्टैंड बनाने के लिए सहमति बनाते हुए मौके पर जाकर सर्वे किया। सर्वे की रिपोर्ट विभागों को भेजने के साथ ही सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया गया है।
अब जल्द दून अस्पताल की नई बिल्डिंग के सामने महिला ऑटो स्टैंड का बोर्ड लग जाएगा। गौरतलब हो कि गुलिस्तां समेत चार ऑटो रिक्शा चालक दून में सात वर्षों से ऑटो चला रही हैं। इन्हें ऑटो संचालन के लिए कोई तय स्थान नहीं मिल पा रहा था। दून अस्पताल के सामने यह लोग ऑटो खड़ा करती थीं, जहां पर उन्हें कई तरह की समस्याएं आ रही थीं।
ऑटो स्टैंड के लिए बनाई गई सहमति
अमर उजाला ने 18 फरवरी के अंक में उनकी समस्या को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। परिवहन विभाग ने कहा कि वह गुलिस्तां और अन्य महिला चालकों की समस्या को लेकर बेहद गंभीर है। इस समस्या का प्रमुखता के साथ निस्तारण किया जाएगा।
महिला ऑटो स्टैंड की व्यवस्था कराने के दिए निर्देश
आरटीओ शैलेश तिवारी के निर्देशन में एआरटीओ राजेंद्र विराटिया को महिला ऑटो स्टैंड की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। एआरटीओ ने टीम के साथ मौके पर जाकर सर्वे किया और नगर निगम, लोनिवि और यातायात पुलिस के साथ सामंजस्य बिठाकर महिला ऑटो स्टैंड के लिए सहमति बनाई।
महिला ऑटो चालक बेहद खुश
चारों विभाग महिला स्टैंड के लिए तैयार हैं। नगर निगम समेत सभी विभागों की ओर से एनओसी मिल गई है। एआरटीओ राजेंद्र विराटिया ने बताया कि कुछ कागजी कार्रवाई शेष है। इसके पूरा होते ही मौके पर महिला ऑटो स्टैंड का बोर्ड लगा दिया जाएगा। गुलिस्तां और अन्य महिला ऑटो चालक इस प्रयास से बेहद खुश हैं। कहती हैं, अब उन्हें ऑटो खड़ा करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने सभी सरकारी महकमों को धन्यवाद दिया।