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उत्तराखंड

 मुठभेड़ की कहानी… पुलिस की जुबानी, भीड़ से छूटकर भागे थे साजिद और जावेद; ऐसे ढेर हुआ कातिल

बदायूं के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के शेखूपुर इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया साजिद घटनास्थल से इकलहरी मुजाहिदपुर होते हुए भागा था, जबकि उसका भाई जावेद कुछ आगे जाकर दूसरी ओर निकल गया। 

मुठभेड़ में घायल इंस्पेक्टर गौरव विश्नोई के मुताबिक, वह दो बच्चों की हत्या की सूचना पर घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी उन्हें मंडी समिति चौकी इंचार्ज चंद्रपाल सिंह ने मोबाइल पर सूचना दी कि दो बच्चों के हत्यारे साजिद और जावेद भीड़ से छूटकर गौरीशंकर मंदिर के नजदीक से इकलहरी मुजाहिदपुर की ओर भागे हैं।

इस पर उन्होंने अपनी सरकारी जीप इकलहरी मुजाहिदपुर की ओर दौड़ा दी। वह सिपाही आकाश कुमार, अंकित कुमार और सुरेंद्र सिंह के साथ जीप से इकलहरी की ओर जा रहे थे, तभी रास्ते में सूचना मिली कि एक युवक जिसके कपड़ों पर खून लगा है, वह सिरसा दबरई के जंगल की ओर भाग रहा है। 

दो पुलिसकर्मी मोटर साइकिल से उसके पीछे लगे हैं। इस पर वह भी सिरसा दबरई के जंगल में पहुंच गए। उन्होंने चौकी इंचार्ज चंद्रपाल सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि हत्यारोपी उनसे करीब 100 मीटर आगे है। वह उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह दौड़ता जा रहा है। इससे उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी साइड में लगाई और आवाज लगाकर उसे रोकने की कोशिश की।

टार्च की रोशनी में वह तमंचा लेकर भागता दिखाई दे रहा था। घेराबंदी के दौरान उसने गोली चलाई, जो इंस्पेक्टर के सीने पर जा लगी, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने से वह बच गए। दूसरी गोली उनके पैर में लगी।

इस पर पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। आगे जाकर देखा तो पता चला कि हत्यारोपी साजिद को गोली लग गई है और वह जमीन पर पड़ा है। उसे तुरंत उठाकर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुधवार दोपहर उसके भी शव का डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया।

फरार आरोपी जावेद पर 25 हजार का इनाम घोषित
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि फरार आरोपी जावेद की लगातार पुलिस तलाश कर रही है। उसकी तलाश में पांच टीमें लगी हुई हैं। कुछ टीमें सुरक्षा व्यवस्था संभालने में भी लगी हुई हैं। जावेद पर 25000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है।

इस हत्याकांड में वजह पता करने की कोशिश कर रहे हैं पर परिवार वाले बताएं तो ठीक है, वरना पुलिस हर पहलू की जांच करके सही बात सामने लाने का प्रयास करेगी। जब फरार आरोपी पकड़ा जाएगा तब भी कई बातों से पर्दा उठेगा। जावेद की ससुराल सहसवान में है। एक टीम वहां भेजी गई है। सर्विलांस टीम को भी लगाया गया है।

जावेद की तलाश में लगीं 24 टीमें
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जावेद और साजिद पर एफआईआर दर्ज है। साजिद मुठभेड़ में मारा जा चुका है। जावेद का कुछ पता नहीं है। उसकी तलाश में 24 टीमें लगाई गईं हैं। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपी के पिता बाबू समेत दो लोगों को हिरासत में लेकर अलापुर थाने में बैठा लिया है। पूछताछ की जा रही है। अब तक हत्यारोपियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है।

पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से बरामद किया तमंचा, चाकू और मोबाइल
थाना पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से आरोपी से एक तमंचा, चार कारतूस, एक चाकूू और मोबाइल बरामद किया है। उसके मोबाइल को सर्विलांस पर लगा दिया गया है। वह अपने मोबाइल पर किस किस से बात करता था। इसका पता चलेगा।

पंचनामा भरने के लिए भी पांच लोग बमुश्किल मिले
आरोपी को पुलिस ने तीन घंटे के अंदर ही मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। बुधवार की सुबह नौ बजे तक पोस्टमार्टम कराने के लिए पांच लोग पंचनामा भरने तक को नहीं पहुंचे। पुलिस ने मोहल्ले के लोगों को बमुश्किल बुलाया, तक कहीं जाकर पंचनामे की कार्रवाई हो सकी। लोग पंचनामा भरवाने से भी डर रहे थे। पुलिस ने जैसे-तैसे पंचनामा की कार्रवाई करा पोस्टमार्टम कराया। साजिद को गांव के ही कब्रिस्तान में पुलिस फोर्स की निगरानी में सुपर्दे खाक कर दिया गया है।

सखानूं में सन्नाटा पसर गया
आरोपी साजिद के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना जब कस्बा सखानूं में पहुंची तो कस्बे में सन्नाटा पसर गया। रात में ही अलापुर थाना पुलिस ने परिवार के कुछ लोगों को गिरफ्तार कर थाने में बैठा लिया। वहीं साजिद के भाई जावेद की पुलिस ने तलाश की। मकानों में ताले डालकर लोग निकल गए। बुधवार की सुबह गलियों में सन्नाटा देखने को मिला। दोपहर बाद जब साजिद का शव घर पहुंचा तो लोग जुट गए। 

उपरैला गांव से 34 साल पहले भागा था साजिद का परिवार
हत्यारोपी साजिद का परिवार मूलरूप से अलापुर थाना क्षेत्र के गांव उपरैला का रहने वाला था। वर्ष 1989 में जन्माष्टिमी के मौके पर गांव में पालिकी निकाली जा रही थी। उसी दिन जफरुद्दीन का 12 वर्षीय बेटा हसनू लापता हो गया था। दो दिन बाद उसका गन्ने के खेत में शव पड़ा मिला था। इसमें साजिद के पिता बाबू का नाम सामने आया था। हालांकि पुलिस को उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले थे।

इससे पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था। इसके डर से बाबू और उसके चार भाई उपरैला गांव छोड़कर भाग आए थे और यहां सखानूं में आकर बस गए। तब से उसका परिवार सखानूं में ही रह रहा था। गांव के 75 वर्षीय बाबू ने बताया कि साजिद के पिता के नाम पर करीब चार-पांच बीघा जमीन है। वह अक्सर उसे पेशगी पर उठा देते हैं। हसनू की एक बहन जुवैदा है। उसकी जलालपुर में शादी हो चुकी है

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंगलवार की शाम को कलेजा चीर देने वाली खबर सामने आई। यहां मंडी समिति पुलिस चौकी से 500 मीटर दूर स्थित बाबा कॉलोनी में एक ठेकेदार विनोद ठाकुर के दो बेटों आयुष (13) और अहान (6) की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई। 

ठेकेदार के मकान के सामने हेयर सैलून चलाने वाले साजिद ने इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। वारदात के तीन घंटे के बाद पुलिस ने मौके से करीब दो किमी दूर घेराबंदी कर आरोपी साजिद को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर गौरव विश्नोई भी घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

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