सरकारी स्कूलों के 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे नहीं पढ़ पा रहे कक्षा दो का पाठ,
असर (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन) ने कई बिंदुओं पर सर्वेक्षण के बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों पर रिपोर्ट जारी की है। जिसने सरकार के शिक्षा गुणवत्ता के दावों की पोल खोल दी है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के सरकारी स्कूलों के 5 वीं के 50 प्रतिशत से अधिक छात्र कक्षा दो केे स्तर का पाठ नहीं पढ़ पा रहे हैं।
सरकारी स्कूलों मेें शिक्षा गुणवत्ता में सुधार को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही है। इसके बावजूद स्कूलों की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं है। असर की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी स्कूलों के कक्षा 8 वीं के 81 प्रतिशत छात्र ही कक्षा दो के स्तर का पाठ पढ़ पा रहे हैं। जबकि 19 प्रतिशत छात्र यह पाठ नहीं पढ़ पा रहे। इसके अलावा कक्षा एक के 40 प्रतिशत से अधिक छात्र अक्षर नहीं पढ़ पा रहे हैं। कक्षा 8 वीं के दो प्रतिशत, 7 वीं के दो प्रतिशत से अधिक, छठीं के तीन प्रतिशत से अधिक, पांचवीं के चार प्रतिशत छात्र अक्षर नहीं पढ़ पा रहे हैं।
असर की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों के अधिक बच्चे टयूशन पढ़ रहे हैं। इसमें सरकारी स्कूलों के 8 वीं के बच्चों का प्रतिशत 11 और निजी स्कूलों के बच्चों का 28 प्रतिशत से अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी स्कूलों में वर्ष 2022 में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक नामांकन हुआ है।