हर मतदाता पर 243 रुपये खर्च होंगे, आजाद भारत का सबसे महंगा चुनाव; जानिए कहानी देश के पहले चुनाव की
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान हर मतदाता पर 243 रुपये खर्च होंगे। यह आजाद भारत का सबसे महंगा चुनाव साबित होगा। पिछले साल की तुलना में खर्च लगभग 112 रुपये अधिक होगा। जानिए कहानी देश के पहले चुनाव की
18वीं लोकसभा के लिए हो रहा चुनाव पूरी प्रक्रिया के हिसाब से ही नहीं, मतदाता पर होने वाले खर्च के हिसाब से भी सबसे महंगा चुनाव होने वाला है। इस बार 96.88 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार सुचारु रूप से मतदान कराने पर इस बार भारत सरकार करीब 24 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस लिहाज से हर मतदाता पर करीब 243 रुपये खर्च होने का अनुमान है।
अब बात पहले आम चुनाव 1952 की करें, तो 17.32 करोड़ लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कुल 10.45 करोड़ रुपये खर्च हुए और हर मतदाता पर 60 पैसे की लागत आई। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) के अनुसार, 2019 के आम चुनावों में सरकार ने करीब 12 हजार करोड़ रुपये खर्च किए और हर मतदाता पर 93 रुपये खर्च हुए।
जागरूकता अभियान, वोटर आईडी से ईवीएम रखरखाव पर अधिक खर्च
- आंकड़ों पर नजर डालें, तो शुरू के छह आम चुनावों में प्रति मतदाता लागत एक रुपये से भी कम थी। मगर, बढ़ती महंगाई और रुपये के कमजोर होने से हर बार चुनाव के खर्च में बेतहाशा वृद्धि होती है।
- चुनाव आयोग हर साल मतदाता जागरूकता अभियान, वोटर कार्ड बनाने से लेकर ईवीएम के रखरखाव पर बहुत खर्च करता है। 2014 में पहली बार मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का उपयोग किया गया, इस वजह से भी लागत में वृद्धि हुई।
- लोकसभा चुनाव पर होने वाला पूरा खर्च भारत सरकार वहन करती है, जबकि कानून-व्यवस्था बनाए रखने का खर्च संबंधित राज्य सरकारों की ओर से वहन किया जाता है।