हवाइयां उड़ातीं हवाई टिकट की कीमतें… फिलहाल एयर टिकट की कीमत में कमी के आसार नहीं
बड़ी संख्या में विमानों का परिचालन रद्द होने से हवाई टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी जरूरतमंद यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
भारत की इंडिगो एयरलाइन 1.47 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी विमानन कंपनी बन गई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, यात्रियों की संख्या के हिसाब से भारत के विमानन क्षेत्र में इंडिगो एयरलाइन की 60.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जबकि दूसरे स्थान पर एयर इंडिया है, जिसकी हिस्सेदारी 12.2 प्रतिशत है।
विगत छह महीनों में इंडिगो एयरलाइन के शेयर में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जबकि पिछले एक साल में इसके शेयरों ने निवेशकों को 102.55 प्रतिशत का प्रतिफल (रिटर्न) दिया है। पिछले महीने इसके शेयर ने निवेशकों को 18.25 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है। इस साल एक जनवरी से अब तक इसके शेयर ने निवेशकों को 27.78 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है।
इंडिगो एयरलाइन ने दो फरवरी, 2024 को वित्त वर्ष 2023-24 के दिसंबर तिमाही के नतीजे की घोषणा की थी, जिसके अनुसार इंडिगो का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 110.7 प्रतिशत बढ़कर 2,998 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में इसने 1,422.6 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था। इतना ही नहीं, दूसरी तिमाही में भी इंडिगो ने 188.9 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था। विगत पांच वर्षों में पहली बार किसी भारतीय विमानन कंपनी ने किसी भी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मुनाफा दर्ज किया है, क्योंकि दूसरी तिमाही विमानन उद्योग के लिए कमजोर मांग वाला सीजन माना जाता है।
इंडिगो का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एयरलाइन बनना निश्चित रूप से हर्ष एवं गौरव का विषय हो सकता है। यह शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए भी खुशी की बात हो सकती है, क्योंकि इसके शेयर में निवेश करके निवेशकों ने काफी कमाई की है, लेकिन यह जरूरतमंद यात्रियों के लिए खुशी की बात कतई नहीं हो सकती है। मौज-मस्ती के लिए हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एयर टिकट की कीमत ज्यादा मायने नहीं रखती है, लेकिन किसी बीमार का इलाज के लिए सफर करने या नौकरी में योगदान देने, जरूरी मीटिंग में शामिल होने, आदि के लिए यात्रा करने वालों के लिए लगातार एयर टिकट की कीमत में इजाफा परेशानी का कारण बन गया है।
यात्रा वेबसाइट इक्सिगो के विश्लेषण से पता चला है कि एक से सात मार्च की तुलना में एक से सात अप्रैल की अवधि में कुछ हवाई मार्गों पर किराया 39 प्रतिशत तक बढ़ गया है। इस अवधि में दिल्ली से बंगलूरू के बीच के उड़ानों के लिए एक तरफ का किराया 39 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जबकि दिल्ली से श्रीनगर के हवाई किराये में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो एयरलाइन के पास 320 से ज्यादा विमानों का बेड़ा है, जो हर दिन 1,900 से ज्यादा फेरे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय शहरों में लगाते हैं। वर्ष 2024 में 150 नए विमानों को घरेलू उड़ान हेतु बेड़े में जोड़ा गया है। फिर भी यह घरेलू मांगों को पूरा करने में असमर्थ है। घरेलू यात्रियों की संख्या में वर्ष दर वर्ष के आधार पर 24 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। 2023 में घरेलू यात्रियों की संख्या 15.2 करोड़ से अधिक हो गई है।
विमानन उद्योग मांग के अनुरूप क्षमता बढ़ाने में कई चुनौतियों से जूझ रहा है। घरेलू मार्गों पर भी बड़े विमानों का उपयोग हो रहा है। बावजूद इसके, मांग और आपूर्ति के बीच खाई बनी हुई है। इंडिगो को छोड़ दूसरी एयरलाइंस की उड़ानें गाहे-बगाहे रद्द होने और यात्री मांग में मजबूती के कारण हवाई किराये में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। गर्मियों में घरेलू उड़ानों में यात्रियों को टिकट के लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। सभी एयरलाइंस के टिकटों की कीमत आसमान छू रही है। गर्मी की छुट्टियों में इसमें बढ़ोतरी का अंदेशा है। हालांकि, 18 से 24 महीने पहले भारत में एयर टिकट की कीमत काफी सस्ती थी।
एयर टिकट की कीमत मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है। वैसे, विमानन मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संसदीय स्थायी समिति ने भी छुट्टियों और त्योहारों के दौरान एयर टिकट की कीमत वृद्धि पर रोक लगाने पर जोर दिया है। बावजूद इसके, एयर टिकट की कीमत में कमी के आसार नहीं हैं, क्योंकि आज बड़ी संख्या में विमान जमीन पर खड़े हैं और परिचालनगत समस्याओं की वजह से विमानों का परिचालन भी रद्द हो रहा है।