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100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर कैसे पहुंच गए 400 से ज्यादा लोग?, 

गुजरात में रविवार शाम हुए मोरबी पुल हादसे में अब तक 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। कई लोग इस समय अस्पताल में भर्ती कराए जा चुके हैं। मौके पर लगाचार राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। जितने बड़े स्तर पर यह हादसा हुआ है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। बता दें कि दीवाली के एक दिन बाद ही इस पुल को मरम्मत के बाद जनता के लिए खोला गया था। इस पुल की मरम्मत में दो करोड़ रुपये की लागत की बात भी सामने आ रही है। मरम्मत के बाद खोले जाने के पांच दिन के भीतर ही इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद पुल की मरम्मत करा रही  और पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी निभा रही ओरेवा कंपनी की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। 

बता दें कि मोरबी पर बने इस अंग्रेजों के जमाने के ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी वर्तमान में ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा ग्रुप के पास है। दरअसल, पहले इस पुल का पूरा रख रखाव नगर निगम के पास था। बाद में इसके लिए एक ट्रस्ट बनाया गया। इसी ट्रस्ट ने कुछ समय पहले टेंडर के माध्यम से इसके पुनर्निर्माण और रख रखाव के ठेके को लेकर ओरेवा कंपनी के साथ समझौता हुआ था। जिसके बाद इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए इस पुल के रखरखाव, सफाई, सुरक्षा और टोल वसूलने जैसी सारी जिम्मेदारी ले ली थी। 

मिली जानकारी के मुताबिक, इस पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की ही है। वहीं, इस पुल पर आने के लिए करीब 15 रुपये की फीस भी लगती है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिवाली के बाद वाले वीकेंड पर कमाई के लालच में इस पुल को बिना फिटनेस जांच के ही खोल दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि घटना के वक्त करीब 400 से 500 लोग पुल पर थे। ऐसे में भारी भीड़ का बोझ पुल सह नहीं पाया और टूट गया। 

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