ग्रीन खेल थीम पर होगा 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, पहली बार मिलेंगे ई-वेस्ट से बने पदक
उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में यह पहला मौका होगा कि भारत के राष्ट्रीय खेलों में पहली बार ई-वेस्ट के बने पदक दिए जाएंगे। इससे पहले इसका प्रयोग टोक्यो में हुए ओलपिंक खेलों में किया गया था।
प्रदेश पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने जा रहा है। यह खेल इसलिए भी खास है क्योंकि उत्तराखंड सरकार और ओलंपिक संघ ने इसकी थीम ”ग्रीन खेल” रखी है। विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे जबकि उन्हें होटल से मैदान और वापस होटल ले जाने के लिए ई-बसों का इस्तेमाल किया जाएगा।
आगामी 28 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा। इसमें देशभर से 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है। खेल निदेशालय पूरे आयोजन में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करेगा। खिलाड़ियाें के आने से लेकर जाने तक हर कदम पर प्लास्टिक फ्री रखा जाएगा।
खेल परिसर में पानी के कंटेनर के पास प्लास्टिक के ग्लास नहीं रखे जाएंगे। खिलाड़ी, ऑफीशियल्स, टीम आदि अपनी बोतल का ही प्रयोग करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय खेलों में विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे। इसके लिए कंपनी चयनित कर ली गई है।
पहली बार राष्ट्रीय खेलों में मिलेंगे ऐसे पदक
अभी तक राष्ट्रीय खेलों में मिलने वाले पदक धातुओं के बने होते हैं। उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में यह पहला मौका होगा कि भारत के राष्ट्रीय खेलों में पहली बार ई-वेस्ट के बने पदक दिए जाएंगे। इससे पहले इसका प्रयोग टोक्यो में हुए ओलपिंक खेलों में किया गया था।
ई-बसाें से होगा खिलाड़ियों का आवागमन
राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों का एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन तक से स्टेडियम तक आवागमन के लिए ई-बसों का प्रयोग किया जाएगा। ऐसे में पहाड़ में वाहनों का दबाव बढ़ने के बावजूद भी पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
प्लास्टिक रि-यूज से बनेंगे कपड़े
राष्ट्रीय खेलों में जो खिलाड़ियों, ऑफीशियल, मैनेजर आदि के लिए कपड़े तय होंगे। वे सभी प्लास्टिक रि-यूज से तैयार कपड़े होंगे।
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है। खेलों में नाम कमाने के साथ ही उत्तराखंड को नए प्रयोगों के लिए याद किया जाएगा।