Home Tuition in Dehradun
Uttarakhand Election Promotion 2024
उत्तराखंड

मम्मा अब आप जाओ…भटको मत, मां को याद करते ही फफक पड़ी मेधावी, बोली- जल्दी क्या है ड्राइव करने की;

मम्मा की आत्मा भटक रही है, मेरे सपनों में रोज आती हैं। आंखों में आंसू भरकर मुझे निहारती हैं, मगर कहती कुछ नहीं। मैंने कई बार मम्मा से सपने में कहा कि आप जाओ, भटको मत। हम लोगों ने आपको आजाद कर दिया है। यह कहते-कहते 13 साल की मेधावी फफकने लगती है। ये वही मेधावी है, जिससे दो अगस्त को साकेतनगर में नाबालिग कार चालक ने हमेशा के लिए उसकी मां छीन ली।

ऐसे नाबालिग चालकों पर मेधावी का गुस्सा भी फूटा। कहा कि इतनी जल्दी क्या है ड्राइव करने की, 18 साल का होने के लिए दो-तीन साल इंतजार नहीं कर सकते। हीरो बनने के चक्कर में किसी के मम्मी-पापा को मत छीनो। आज मैं बिना मम्मा के कैसी हूं, मैं ही जानती हूं।

अपने नाना-नानी के पास ही है मेधावी
कभी स्कूल के स्टेज पर खूब थिरकने वाली मेधावी अब जांघ में पड़ी रॉड पर हाथ रखे हुए सिर्फ एकटक छत को ही निहारती है। समझदार इतनी है कि बूढ़े नाना-नानी को देखती है, तो मुस्कुरा देती है। उसकी मुस्कुराहट देख नाना-नानी की आंखें डबडबा जाती हैं। फिर तीनों लिपटकर रोने लगते हैं। ऐसा दिन में एक नहीं, कई बार होता है। इस समय मेधावी अपने नाना-नानी के पास ही है।

जांघ का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने रॉड डाली है
डब्ल्यू ब्लॉक साकेतनगर में रहनी वाली मेधावी दो अगस्त का दिन शायद ही कभी भूल पाए, जब वह मां भावना मिश्रा के साथ स्कूटी से डॉक्टर के पास जा रही थी। साकेतनगर टेलीफोन एक्सचेंज रोड पर तेज रफ्तार कार ने स्कूटी में इतनी जोरदार टक्कर मारी थी कि दोनों उछलकर दूर जा गिरी थीं। हादसे में भावना की मौत हो गई थी, जबकि मेधावी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। मेधावी की जांघ का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने रॉड डाली है।

बोली- मेरी मम्मा जैसा कोई नहीं था
अकेले कमरे में गुमसुम बैठकर फूल सी दिखने वाली मेधावी पूरे दिन मोबाइल पर कभी मां भावना के डांस का वीडियो देखती है तो कभी करवाचौथ पर सजी-धजी मां की तस्वीर निहारती है। मेधावी से जब उसकी मां का जिक्र किया गया तो उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आई, फिर बोली मेरी मम्मा से अच्छा कोई नहीं था।

मां कहती थी- आओ तुम्हारे बाबा जैसे बाल ठीक कर दूं
वह मंगलवार को भी सपने में आई। मेरे और पापा के साथ ऐसा व्यवहार कर रही थी, जैसे दुनिया से गई ही न हो। इसके बाद मेधावी फिर सुबकने लगती है। मेधावी के मुताबिक मां उसके स्कूल जाने का पूरा ध्यान रखती थी, ड्रेस निकालकर रखती थी और बालों में चोटी करते हुए कहती थी कि आओ तुम्हारे बाबा जैसे बाल ठीक कर दूं। मम्मा ही उसे स्कूल से घर लाती थी।

मेधावी की जिद ने मां की मौत की जानकारी देने को किया मजबूर
चार अगस्त को ऑपरेशन के बाद जब मेधावी को होश आया तो वह मां से मिलने व उनसे बात करने की जिद करने लगी। परिजनों के मुताबिक वह कहती थी कि मां से फोन पर बात करा दो या वीडियो कॉल करा दो। तब डॉक्टरों ने घरवालों को समझाया कि अभी बच्ची अस्पताल में और डॉक्टरों के बीच है, इसलिए बेहतर होगा कि उसे मां की मौत की जानकारी दे दी जाए। ताकि किसी अनहोनी पर उसे संभाला जा सके। तब 10 डॉक्टरों व स्टाफ को मौके पर खड़ाकर मेधा को मां की मौत के बारे में बताया गया।कर रह गया है।

आखिरी सांस तक भावना अपनी बेटी के बारे में ही पूछती रही
भावना के पति अनूप ने बताया कि मरते दम तक भी पत्नी को अपनी कम बेटी की फिक्र ज्यादा थी। हादसे के तुरंत बाद भावना को लेकर सबसे पहले पीपीएम अस्पताल पहुंचे थे, जहां उखड़ती सांसों के बीच उसके आखिरी शब्द यही थे कि पुल्लू कैसी है। इसके बाद वह कुछ नहीं बोली और हमेशा के लिए खामोश हो गई। हम लोग बेटी मेधावी को प्यार से पुल्लू कहते हैं।

इधर बेटी की चिता जल रही थी, उधर नातिन का ऑपरेशन
मेधावी के 75 साल के नाना कृष्णकुमार शुक्ला कहते हैं कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने अपनी पूरी जिंदगी जी ली। इंतजार था कि किस दिन भगवान बुलावा भेज दें। उससे पहले हमारी प्यारी लीचू (भावना) ही भगवान के पास चली गई। चश्मा उतारकर आंसू पोछते हुए कृष्णकुमार ने बताया कि तीन अगस्त को एक ओर जहां भावना का अंतिम संस्कार हो रहा था, दूसरी ओर अस्पताल में मेधावी का ऑपरेशन चल रहा था। कैसे हमने इस दुख के पहाड़ को उठाया है, उनका कलेजा ही जानता है।

कानून का क्या चला गया, हमने तो लाडो खो दी
मेधावी की नानी ऊषा तो घटना के 18 दिन बाद भी अपने आंसू रोक नहीं पा रही हैं। कहती हैं कि चार-चार चालान वाली कार ने उनकी लाडो को हमेशा के लिए छीन लिया। कानून ने उन हत्यारों का क्या बिगाड़ लिया और क्यों बिगाड़ेगी, बेटी तो हमने खोई है। कोई पुलिस वाला हादसे के बाद झांकने तक नहीं आया। उनके पास यह मामला बस एक फाइल बन

Register Your Business Today

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button