Home Tuition in Dehradun
Uttarakhand Election Promotion 2024
उत्तराखंड

डॉक्टरों की जिद थी बचाना है फिर सेवा के साथ उपचार से कर दिया ‘चमत्कार’, पढ़ें अनोखी कहानी

दून अस्पताल में करीब दो महीने पूर्व प्रेमनगर क्षेत्र से एंबुलेंस से एक लावारिस मरीज को लाया गया था। मरीज के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण और बेड सोर नामक रोग था।

कहते हैं कि डाॅक्टर भगवान का रूप होते हैं। यह बात आज सही मायनों में चरितार्थ नजर आई। दून अस्पताल में गत नवंबर के पहले सप्ताह में बेहोशी की हालत में भर्ती हुए वीरचंद नाम के लावारिस व्यक्ति का चिकित्सकों ने न सिर्फ उपचार किया, बल्कि तीमारदार बनकर उसका बेहतर ध्यान भी रखा। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।

दून अस्पताल में करीब दो महीने पूर्व प्रेमनगर क्षेत्र से एंबुलेंस से एक लावारिस मरीज को लाया गया था। मरीज के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण और बेड सोर नामक रोग था। उसको सांस लेने में दिक्कत होने के साथ ही पूरे शरीर में गहरे घाव थे। चिकित्सकों के मुताबिक मरीज न तो बोल पा रहा था और न ही कुछ देख-सुन पा रहा था। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद मरीज को आईसीयू में भर्ती की सिफारिश की तो वहां पर बेड ही खाली नहीं था।

ऐसी स्थिति में मरीज को इमरजेंसी के सर्जरी वार्ड में ही भर्ती करना पड़ा। चूंकि, मरीज के साथ कोई भी नहीं था, तो उपचार की जिम्मेदारी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अभय कुमार, डॉ. गुलशेर, डॉ. दिव्यांशु, डॉ. रहनुमा और डॉ. नैना ने ली। उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प से मरीज ने जिंदगी की जंग जीत ली। 

पहली बार आया इस तरह का मामला
वर्ष 2016 में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की शुरुआत की गई थी। अस्पताल का दावा है कि यह पहली बार है जब इस तरह का मामला सामने आया है। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. गुलसेर ने बताया 55 वर्षीय वीरचंद अब बिल्कुल स्वस्थ हैं। उनकी देखभाल में शामिल चिकित्सकों की पूरी टीम के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण घटना है।

मरीज के परिवार की खोज के लिए पुलिस से मांगी मदद
दून अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अभय कुमार ने बताया वीरचंद के परिजनों की खोज के लिए पुलिस से मदद मांगी गई है। इसके लिए दो से तीन बार पुलिस विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। सभी प्रयासों के बाद भी अगर मरीज के परिवार का पता नहीं चल पाया तो मरीज को वृद्धाश्रम भेजा जाएगा।

अस्पताल के चिकित्सकों के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इससे अस्पताल के अन्य चिकित्सकों को प्रेरणा मिलेगी। यह उनके समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा से ही संभव हो पाया है।

Register Your Business Today

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button