युद्ध के 26वें दिन गाजा छोड़कर मिस्र जा रहे विदेशी,
इस्राइल-हमास युद्ध बीते सात अक्तूबर से चल रहा है। युद्ध के 26वें दिन विदेशी गाजा छोड़कर मिस्र जा रहे हैं। खबरों के अनुसार संकट में फंसे लोग पहली बार रफा क्रॉसिंग के माध्यम से मिस्र जा रहे हैं। युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे लोग सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं।
इस्राइल और हमास के बीच जारी हिंसक संघर्ष में अब तक 9000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच 20 लाख से अधिक लोगों की आबादी वाले क्षेत्र गाजा पट्टी से विदेशी लोगों के बाहर निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार रफा क्रॉसिंग के माध्यम से युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे लोग मिस्र में शरण लेने जा रहे हैं।
राफा क्रॉसिंग खोलने का फैसला
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी- एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 7 अक्तूबर को इस्राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार मिस्र ने राफा क्रॉसिंग खोली है। क्रॉसिंग खोलने का निर्णय गाजा में सबसे बड़े शरणार्थी शिविर- जबालिया पर इस्राइली डिफेंस फोर्सेज (IDF) के हमले के कुछ घंटों बाद आया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमले में कम से कम 50 लोग मारे गए।
फलस्तीनी इलाके में जाते दिखे लोग
खबरों के मुताबिक बड़ी संख्या में विदेशी पासपोर्ट धारकों ने बुधवार को युद्धग्रस्त गाजा छोड़ना शुरू कर दिया। खबर लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मिस्र की सीमा से सटे गाजा की दक्षिणी सीमा पर राफा क्रॉसिंग पार कर कितने लोग सुरक्षित जगहों पर जाने में कामयाब रहे। कुछ वीडियो रिपोर्ट्स में घटनास्थल के लाइव फुटेज में लोगों की भीड़ को टर्मिनल के फलस्तीनी हिस्से में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है।
200 से अधिक ट्रकों का मिस्र से गाजा में प्रवेश
इस्राइल-हमास युद्ध के कारण पैदा हुए अभूतपूर्व मानवीय संकट के बीच अत्यंत जरूरी मदद की खेप ले जाने वाले 200 से अधिक ट्रक मिस्र से गाजा में प्रवेश कर चुके हैं। विदेशी लोगों के निकलने का सिलसिला शुरू होने के बावजूद रिपोर्ट्स में बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति को प्रभावित क्षेत्र से भागने की अनुमति नहीं दी गई है। अनुमान के मुताबिक लगभग 400 विदेशी और दोहरी नागरिकता वाले लोग बुधवार को सीमा पार कर सकते हैं।
गाजा पट्टी में 44 देशों के नागरिकों समेत 20 लाख से अधिक लोग
संकट गहराने के बीच ये जानना भी जरूरी है कि जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों के नागरिक युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे हैं। विदेशी सरकारों का कहना है कि 44 देशों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र निकायों सहित 28 एजेंसियों के पासपोर्ट धारक गाजा पट्टी में रह रहे हैं। बता दें कि हमास हमलों के जवाब में 2.4 मिलियन लोग तीन सप्ताह से अधिक समय से लगातार हो रही इस्राइली बमबारी झेल रहे हैं।
9000 से अधिक मौतें, दो तिहाई महिलाएं-बच्चे
हमास के नेस्तनाबूंद करने की कसम खा चुके इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के फरमान पर गाजा पट्टी की पूर्ण नाकेबंदी कर दी गई है। इस कारण गाजा में रहने वाली जनता को भोजन, पानी और बिजली की “भयावह” कमी का सामना करना पड़ रहा है। हमास संचालित गाजा में इस्राइली सेना की बमबारी में 9000 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबरें आ चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मरने वालों में दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं।
मिस्र के अस्पताल में घायलों का इलाज
रिपोर्ट के मुताबिक मिस्र ने कहा, 81 गंभीर रूप से बीमार या घायल फलस्तीनियों के पहले समूह को बुधवार को चिकित्सा उपचार की अनुमति दी जाएगी। मिस्र की खुफिया सेवाओं के करीबी टीवी चैनलों पर टर्मिनल में प्रवेश करने वाले एम्बुलेंस के काफिले की तस्वीरें भी दिखाई गईं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फलस्तीनी सूत्रों ने कहा, उन्हें उम्मीद है कि 88 लोगों को मिस्र के अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया जाएगा।
मिस्र के विदेश मंत्रालय का सख्स संदेश
गौरतलब है कि मिस्र के विदेश मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को सख्त बयान जारी किया गया। इसमें जबालिया शिविर पर हमले की “कड़े शब्दों में” निंदा की गई। मिस्र ने “रक्षाहीन नागरिकों को निशाना बनाने वाले इन अंधाधुंध हमलों के जारी रहने के परिणामों” के खिलाफ चेतावनी दी थी।