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धर्मसंस्कृति

आज से शुरू हुआ मार्गशीर्ष मास, श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए कर लें ये उपाय

मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 28 नवंबर 2023 को हो रही है। इस माह में श्री कृष्ण का ध्यान और उपासना सच्चे मन से करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही अमोघ फल की प्राप्ति होती है। गीता में लिखा है कि-“बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्। मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकर”सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह का धार्मिक महत्व है। लोकभाषा में इस माह को अगहन भी कहा जाता हैं। ये माह भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय है। कार्तिक पूर्णिमा के खत्म होने के बाद से ही मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो जाती है। मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 28 नवंबर 2023 को हो रही है। इस माह में श्री कृष्ण का ध्यान और उपासना सच्चे मन से करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही अमोघ फल की प्राप्ति होती है। गीता में लिखा है कि-“बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्। मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकर” अर्थात – “मैं सामों में बृहत्साम, छन्दों में गायत्री, मासों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में वसन्त ऋतु मैं हूँ।” इस श्लोक के माध्यम से श्रीकृष्ण ने स्वंय को मार्गशीर्ष महीना बताया है। स्कंदपुराण के अनुसार,भगवान की कृपा प्राप्त करने की कामना रखने वाले श्रद्धालुओं को अगहन मास में कुछ धार्मिक नियमों का पालन करना चाहिए।

ब्रह्ममुहूर्त में स्नान-
इस माह में किए गए व्रत-उपवास से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।पुराणों के अनुसार इस महीने कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से प्राणी की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। स्त्रियों के लिए यह स्नान उनके पति की लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य देने वाला माना गया है।

श्री कृष्ण की पूजा-
मार्गशीर्ष मास में नाना प्रकार के पुष्पों,ऋतु फल, उत्तम नैवेद्यों,धूपों तथा आरती आदि के द्वारा प्रसन्नता पूर्वक श्री जनार्दन का पूजन करके सभी सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री अत्यंत प्रिय है। इसलिए उन्हें रोजाना तुलसी दल डालकर माखन मिश्री का भोग लगाएं इससे भगवान श्रीकृष्ण आपकी हर विपदा को दूर करेंगे।

शंख पूजन-
इस महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। साधारण शंख को श्रीकृष्ण को पाञ्चजन्य शंख के समान समझकर उसकी पूजा करने से सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है।शंख में गंगाजल भरकर भगवान की आरती के बाद इस जल को पूरे घर में छिड़क दें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी, जिससे घर में सुख-समृद्धि आएगी।

मंत्र साधना-
अगहन मास में जप,तप,ध्यान एवं दान करना शीघ्र फलदाई माना गया है। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और उनके मंत्रों का जाप करना इस माह में बहुत पुण्यदायी है।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ एक चमत्कारी मंत्र है। इस मंत्र का मार्गशीर्ष माह में जरूर जाप करें। संतान से जुडी हर परेशानी को दूर करने के लिए मार्गशीर्ष माह में कृं कृष्णाय नम: मंत्र का दिन में 108 बार जप करना लाभकारी रहेगा।

तुलसी की पूजा-
कार्तिक की तरह इस माह में भी नित्य प्रति सुबह तुलसी को जल देने एवं शाम के समय घी का दीपक जलाने से श्री कृष्ण की कृपा आप पर बनी रहती है।

गीतापाठ-  
शास्त्रों के अनुसार विशेष रूप से इस मास में गीता का पाठ करने से श्रीकृष्ण बहुत  प्रसन्न होते हैं। गीता का नियमित पाठ करने वाला व्यक्ति हमेशा प्रसन्न और भयमुक्त रहता है।

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