सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मांगी, बताई ये समस्याएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें समस्याएं बताई। उन्होंने बताया कि 4800 मेगावाट की 44 परियोजनाएं भी पर्यावरण कारणों से लटकी हुईं हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से कहा कि बिजली की बढ़ती मांग के सापेक्ष राज्य सरकार को खुले बाजार से प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ की बिजली खरीदनी पड़ रही है। इससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कोयला आधारित संयंत्र से निर्मित 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आगामी पांच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुने के लिए आधारभूत ढांचे में व्यापक वृद्धि प्रस्तावित की गई है। जिससे राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया जा रहा है। जिससे भविष्य में बिजली की मांग में बढ़ोतरी होना तय है।
बिजली खरीद का बोझ राज्य के वित्तीय संसाधनों पर पड़ रहा
राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरणीय कारणों से हो रहे देरी की वजह से बिजली की मांग के सापेक्ष उपलब्धता का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रस्तावित 4800 मेगावाट की 44 जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण स्थगित है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की बिजली खरीद का बोझ राज्य के वित्तीय संसाधनों पर पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य को केंद्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत स्थायी रूप से आवंटित करने का अनुरोध किया। सीएम ने पिथौरागढ़ की जल विद्युत परियोजनाओं बौकांग बेलिंग (330 मेगावाट) एवं सेलाउर्थिग (202 मेगावाट) की स्वीकृति देने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण के अनुमति प्रदान करने के लिए जल संसाधन मंत्रालय को निर्देश देने का भी अनुरोध किया।
सात में से दो हेलीपोर्ट के लिए भूमि चिन्ह्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी-विश्वनाथ की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर विकसित करने का काम नवगठित उत्तराखंड निवेश एवं आधारिक संरचना बोर्ड (यूआईआईडीबी) करेगा। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मोड में सात हेलीपोर्ट तैयार करने का प्रस्ताव है, जिसमें से दून व हरिद्वार के लिए भूमि चिन्ह्ति कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्राडिंग के लिए अंब्रेला ब्रांड के रूप में हाउस ऑफ हिमालयाज से जुड़ने के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेशक उत्साह दिखा रहे हैं। पहले चरण में मिलेट्स, राजमा, पर्वतीय दालें, लाल चावल, हल्दी, पहाड़ी नमक, शहद, एरोमेटिक एंड हर्बल टी, नैनीताल मोमबत्ती, ऐपण, पिछौड़ा को शार्टलिस्ट किया गया है।
राज्य में चार नई टाउनशिप बनेंगी
सीएम धामी ने पीएम को बताया कि राज्य में शहरीकरण के चलते चार नई टाउनशिप विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इसमें दो पर्वतीय क्षेत्रों और दो मैदानी क्षेत्रों में बनाने की योजना है। आयुष नीति के तहत पांच से दस प्रतिशत सब्सिडी अतिरिक्त दी जा रही है। पर्यटन नीति के तहत 50 प्रतिशत तक पूंजीगत सहायता दी जा रही है।
औद्योगिक गलियारे के लिए 1002 एकड़ भूमि
पंचकोणीय औद्योगिक गलियारे के तहत खुरपिया में 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर का निर्माण होना है। परियोजना लगभग 1100 करोड़ की लागत की है, जिसमें राज्य की ओर से उपलब्ध कराई गई जमीन का मूल्य करीब 410 करोड़ है। इस परियोजना से लगभग 15,000 करोड़ का निवेश और 50 हजार युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। सीएम ने आईएमसी खुरपिया की परियोजना का अनुमोदन देने का अनुरोध पीएम मोदी से किया।
तीन फूड पार्क प्रस्ताव आए
सीएम ने पीएम मोदी को बताया कि निवेशक सम्मेलन के तहत ऑनलाइन पोर्टल से एमओयू की मॉनिटरिंग की जा रही है। तीन फूड पार्क के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। देहरादून में आईटी पार्क-2 स्थापित किया जा रहा है। एयरपोर्ट के नजदीक आईटी टावर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए सिडकुल की ओर से काशीपुर, सितारगंज, रुद्रपुर, हरिद्वार तथा देहरादून में नए औद्योगिक आस्थान विकसित किए जा रहे हैं। देहरादून के छरबा में एजुकेशन सिटी, ऊधमसिंह नगर में नॉलेज पार्क विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता से जुड़े सदस्यों की आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवारजनों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ पहुंचाने के लिए सहकारी किसान समृद्धि कार्ड योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत नमो सहकारी कवच कार्ड दिए जाएंगे।