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उत्तराखंड

 पिपलोदा में दोहरे हत्याकांड का खुलासा, लुटेरों को BJP नेता दंपती ने पहचाना था, इसीलिए की हत्या

पुलिस ने 72 घंटे में पिपलोदा-द्वारकाधीश में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। लूट करने आए आरोपियों को भाजपा नेता दंपती ने पहचान लिया था, इसीलिए दोनों की हत्या की गई।

उज्जैन में 26 जनवरी की रात को देवास रोड स्थित ग्राम पिपलोदा-द्वारकाधीश में एक दोहरा हत्याकांड हुआ था, जिसमें अज्ञात आरोपियों ने रामनिवास पिता भूतिलाल कुमावत उम्र 70 वर्ष और उनकी पत्नी मुन्नीबाई पति रामनिवास कुमावत उम्र 65 वर्ष की धारदार हथियारों से हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद पुलिस लगातार आरोपियों की पहचान करने में लगी हुई थी, जिसमें पुलिस को सफलता मिली और 72 घंटे में पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि 26 जनवरी की रात को भाजपा नेता रामनिवास कुमावत और उनकी पत्नी मुन्नी कुमावत को अज्ञात आरोपियों ने धारदार हथियार से हमलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस जघन्य हत्याकांड को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुरु प्रसाद पाराशर के मार्गदर्शन में आईपीएस कृष्णपाल चंदानी, आईपीएस राहुल देशमुख, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय राकेश मोहन शुक्ला, उप पुलिस अधीक्षक योगेश तोमर, फॉरेंसिक अधिकारी शकुंतला द्वारा घटनास्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया था।

इसके बाद एसआईटी की टीम ने इस पूरे हत्याकांड को सुलझाने के लिए सभी पहलुओं पर सूक्षमता से जांच कर संदेहियों से पूछताछ कर रही थी। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान उन्हें जानकारी लगी कि ग्राम पिपलोदा-द्वारकाधीश में रहने वाले कुछ लोगों ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। इस सूचना के आधार पर जब पुलिस ने आगे की कार्रवाई की तो पता पूछताछ के बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया और चार आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ गए।

इसीलिए कर दी थी हत्या
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि आरोपी पिछले काफी समय से इस घर की रेकी कर रहे थे, जो कि पहले भी मकान में घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम दे चुके थे। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि इस मकान में कुमावत दंपती अकेले रहते हैं और कहां पर उनकी तिजोरी व अन्य कीमती सामान रखा हुआ है। साथ ही यहां काम करने वाले लोग कितने बजे आते हैं और कितने बजे जाते हैं। इसी आधार पर आरोपी 26 जनवरी की शाम को ही घर में घुस गए थे, जिन्होंने इस घटना को अंजाम देने के पहले पूरी रेकी की और सभी नौकरों के जाने के आधी रात को आरोपी दीवार फांदकर घर में घुसे, जिसमें से एक खिड़की की ग्रिल काटकर घर में घुसा और दरवाजा खोलकर दूसरे आरोपियो को घर में लाया था।

हत्यारों के घर में आने की जानकारी कुमावत दंपती को लग चुकी थी। इसीलिए पहले इन आरोपियों ने रामनिवास कुमावत की हत्या की और उसके बाद मुन्नी कुमावत को भी जान से मार दिया। दंपती को मारने का कारण यही था कि वह इन आरोपियों को पहचान चुके थे। दंपती हत्यारों के बारे में किसी को कुछ बता न दे, इसीलिए उन पर इतने वार किए गए, जिससे की उनकी घटनास्थल पर ही जान चली गई थी।

रामनिवास नहीं मुन्नी ने किया था संघर्ष
बताया गया कि रामनिवास को तो आरोपियों ने घर में घुसते ही मार दिया था। लेकिन मुन्नीबाई ने इन हत्यारों से बचने के लिए जरूर संघर्ष किया था और हत्यारों को काट भी लिया था, जिसके कारण मुन्नीबाई के शरीर पर कुछ निशान भी मिले थे। इस घटना के बाद हत्यारों ने मुन्नीबाई पर भी लोहे की सब्बल और चाकू से हमला किया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद यह हत्यारे 15 से 20,000 नकदी और आभूषण लेकर फरार हो गए थे। 

यह आरोपी गिरफ्तार
हत्याकांड में पुलिस ने अल्फेस पिता लियाकत शाह उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम पिपलोदा द्वारकाधीश, आरिफ पिता मक्कू उर्फ मेहरबान शाह उम्र 22 वर्ष, विशाल पिता मिश्रीलाल बागवान और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूरे मामले की पूछताछ की जा रही है। ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा था कि घटनास्थल पर सीसीटीवी फुटेज लगे होने के कारण पुलिस इस मामले को और भी जल्दी सुलझा लेगी और उन्हें इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए सीसीटीवी फुटेज से बड़ी मदद मिल जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि यह कैमरे नवंबर माह से ही बंद थे, जिसमें कोई रिकॉर्डिंग नहीं हो रही थी। इसके कारण पुलिस को हत्याकांड को सुलझाने में कोई मदद नहीं मिल पाई।

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