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उत्तराखंड

रिश्वत मामले में गिरफ्तार पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी की जमानत मंजूर, जानें पूरा मामला

याचिकाकर्ता रमेश चंद्र त्रिपाठी को विजिलेंस की टीम ने कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। यह रिश्वत हिमांशु ठेकेदार यानि रिंकू सिंह से ली जा रही थी।

नैनीताल हाईकोर्ट ने रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस टीम की ओर से गिरफ्तार ऊधमसिंह नगर के पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी की जमानत मंजूर कर ली है। उन पर एक ठेकेदार के बिलों का भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई।

याचिकाकर्ता रमेश चंद्र त्रिपाठी को विजिलेंस की टीम ने कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। यह रिश्वत हिमांशु ठेकेदार यानि रिंकू सिंह से ली जा रही थी। रिंकू सिंह को विभाग ने 60 लाख का भुगतान करना था। त्रिपाठी पर इस भुगतान के लिए छह लाख रुपये रिश्वत मांगने व पहली किस्त के रूप में एक लाख लेने का आरोप है ।

रमेश चंद्र त्रिपाठी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में उनकी सीधी भागीदारी नहीं है। उक्त ठेकेदार ने वाटर कूलर स्थापित किए, जिसका अनुबंध इस फर्म द्वारा ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से किया जाना था और उस अनुबंध के संबंध में संपर्क देने या कोई भुगतान करने में आवेदक की कोई भूमिका नहीं है।

उक्त ठेका हिमांशु ठेकेदार को दिए जाने के संबंध में अनिल कुमार कंबोज द्वारा शिकायत की गई थी कि ग्राम विकास अधिकारी मीनू आर्य द्वारा उक्त फर्म की प्रमाणिकता की जांच किए बिना उक्त ठेका हिमांशु ठेकेदार को दे दिया गया था। फर्म जीएसटी के उद्देश्य से पंजीकृत नहीं थी और वाटर कूलर पर एचएसएन नंबर भी नहीं है।

अनिल कुमार काम्बोज द्वारा की गई शिकायत जिला मजिस्ट्रेट ऊधमसिंह नगर ने संज्ञान लिया और विभाग को मामले की जांच करने के निर्देश दिए। उक्त शिकायत के आधार पर खंड विकास अधिकारी के माध्यम से ग्राम विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि उक्त ठेकेदार को क्यों ठेका दिया गया था।

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