सड़क, दीवार और वाहनों पर लिखी भयावह दिन की इबारत…एक हफ्ते बाद भी ऐसे हैं हालात, तस्वीरें
आठ दिन पहले… यही इलाका था। किसी को खबर नहीं थी कि कुछ समय बाद ऐसा कुछ होने वाला है, जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। टीमें तैयार होकर मलिक के बगीचा में पहुंचती है और पहले पथराव होता है फिर उपद्रव हो जाता है। हर तरफ आग, पत्थर, अफरा-तफरी और जान बचाने के लिए भागते लोगों का मंजर होता है। बृहस्पतिवार को उस इलाके में अमर उजाला की टीम पहुंची।
यहां पर आगजनी वाले स्थल कालिख से भरे मिले। पूरे इलाके में एक खामोशी थी, यह तभी टूट रही थी, जब सरकारी वाहनों का काफिला गुजर रहा था। कुछ जगहों पर मदद के जिला प्रशासन से गुहार लगाते लोग मिले तो कुछ लोगों ने बातचीत में कहा कि उपद्रवियों ने जो किया है, वह गलत था।
तेजी से चल रहा थाने की मरम्मत का काम
उपद्रव के दौरान बनभूलपुरा थाना फूंक दिया गया था। अब इस थाने की मरम्मत का काम किया जा रहा है। यहां रंगाई, पुताई के साथ ही बिजली लाइनों को ठीक करने में मजदूर जुटे थे। थाने के पास ही कई महिला, पुरुष अपने कागजात लेकर कर्फ्यू में आनेजाने की अनुमति लेने के लिए पहुंचे। वहीं, कर्फ्यू के चलते हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर सवारी वाहन न होने के कारण यात्री पैदल ही चलते हुए रोडवेज की आते हुए मिले। यहां पर चेकपोस्ट पर पुलिस भी उनके टिकट आदि को चेक कर रही थी।
दवा की दुकान खुली, लोगों ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
इसके बाद टीम लाइन नंबर-17 में पहुंचे। यहां खान मेडिकोज के पास सिटी मजिस्ट्रेट व अन्य कर्मी और कुछ स्थानीय लोग मिले। यहां पर मिले साजिद हुसैन कहते हैं कि जैसे घटना का पता चला तो बच्चों को घर में सुरक्षित किया। इसके बाद घर को बंद कर लिया। वर्तमान में पुलिस, प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है। इंदिरा नगर ठोकर के पास मिले जियाउद्देन कुरैशी कहते हैं कि जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है।
राशन खरीदने तक के पैसे नहीं
एक व्यक्ति सिटी मजिस्ट्रेट से मिलता है और बताता है कि वह गौला में खनन श्रमिक है। अब कर्फ्यू लगा है कोई काम नहीं है। राशन खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट एक कर्मचारी को संबंधित व्यक्ति की मदद के लिए भेजती है। इससे कुछ दूरी पर दुर्गामाता मंदिर के पास मिले सुधीर साहू ने कहा कि स्थिति अब सामान्य हो रही है।
सड़क पर फैली राख
बनभूलपुरा में मलिक के बगीचा के पास जमकर आगजनी हुई थी। कई वाहनों में आग लगा दी गई थी। वहां अभी राख जमा है, जो उस दिन की घटना को बयां कर रही है। इसके अलावा पूरे इलाके में सन्नाटा फैला हुआ है। सरकारी वाहनों का अचानक शोर बढ़ने पर कुछ लोग खिड़कियों और छतों से झांकते हैं, फिर अपने घरों की तरफ चले जाते हैं। यहां एसडीएम परितोष वर्मा, जोनल मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी समेत अन्य अधिकारी भी इलाके में सुरक्षा के साथ लोगों की सुविधाओं पहुंचाने के लिए प्रयास करते हुए मिले।