आज इस्तीफा देंगे जस्टिस गंगोपाध्याय, बोले- जज के तौर पर मैंने अपना काम पूरा किया; भावुक हुए वकील
जस्टिस गंगोपाध्याय की राजनीति में आने की चर्चाएं तेज हैं। जस्टिस गंगोपाध्याय वही हैं, जिन्होंने कभी सीबीआई को जांच की धीमी गति पर फटकार लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की बात कही थी। वह हमेशा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर रहे।
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सोमवार को अदालत में कहा कि उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अपना काम पूरा कर लिया है। दरअसल, कुछ वकीलों और वादियों ने उनसे कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि वह मंगलवार को इस्तीफा देंगे और उसके बाद अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा करेंगे।
आखिरी दिन कोर्ट रूम में लोग भावुक दिखे। एक वकील ने कहा, हमें मत छोड़िए। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, मेरा काम हो गया। अभी दूसरा काम है। वहीं, एक महिला उनके पैर छूना चाहती थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसी तरह से एक महिला उनके इस्तीफे की बात सुनकर झारखंड से आई थी। महिला चाहती थीं कि न्यायाधीश गांगुली इस्तीफा नहीं दें। अदालत कक्ष में आखिरी आदेश में पूर्वी मेदिनीपुर के एक मामले की सुनवाई की। उन्होंने अपने आदेश में कहा, हाईकोर्ट के सतर्कता विभाग ने जिला न्यायाधीश के खिलाफ बहुत महत्वपूर्ण आरोप लगाए हैं। मैं मुख्य न्यायाधीश से रिपोर्ट पर गौर करने और कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध करूंगा। ये अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि वह मेदिनीपुर से ही चुनाव लड़ सकते हैं।
कभी सीबीआई से कहा था पीएम से शिकायत कर दूंगा
जस्टिस गंगोपाध्याय की राजनीति में आने की चर्चाएं तेज हैं। जस्टिस गंगोपाध्याय वही हैं, जिन्होंने कभी सीबीआई को जांच की धीमी गति पर फटकार लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की बात कही थी। वह हमेशा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर रहे। वह अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले न्यायाधीश के रूप में जाने जाते हैं। कांग्रेस हो, सीपीएम हो या भाजपा। किसी भी राजनीतिक पार्टी को उन्हें लेकर परहेज नहीं है। सभी उनके स्वागत के लिए तैयार हैं। हाजरा कॉलेज, से लॉ की पढ़ाई करने वाले न्यायाधीश गांगुली राज्य सेवा के अधिकारी भी रहे चुके हैं। 61 वर्ष के गांगुली 2018 में कलकाता हाईकोर्ट में बतौर न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। 2020 में उनकी नियुक्ति स्थायी हुई थी।