205 बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ 35 साल बाद भी बरामदे में बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्र-छात्राएं, जानें मामल
अल्मोड़ के नगरखान हाईस्कूल का 35 साल पहले उच्चीकरण कर इसे जीआईसी का दर्जा दिया गया, लेकिन आज भी इंटर की कक्षाएं संचालित करने के लिए भवन नहीं बना है। शिक्षा व्यवस्था की ऐसी बदहाली हैरान करती है।
अल्मोड़ के नगरखान हाईस्कूल का 35 साल पहले उच्चीकरण कर इसे जीआईसी का दर्जा दिया गया, लेकिन आज भी इंटर की कक्षाएं संचालित करने के लिए भवन नहीं बना है। शिक्षा व्यवस्था की ऐसी बदहाली हैरान करती है। हाईस्कूल के कक्षों में इंटर की कक्षाओं का संचालन करना विद्यालय प्रबंधन की मजबूरी बन गया है।
भैंसियाछाना विकासखंड के नगरखान में हाईस्कूल को वर्ष 1989 में उच्चीकरण कर इंटर कॉलेज का दर्जा दिया गया। इंटर कॉलेज संचालित होने के बाद विद्यार्थियों को यहां बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद थी जो अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं। विद्यालय में इंटर की कक्षाओं का संचालन तो शुरू कर दिया लेकिन विद्यार्थियों के बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। उच्चीकरण के इतने साल बाद भी इंटर की कक्षाओं के संचालन के लिए भवन और कक्ष नहीं बन सके हैं। कक्षों की कमी के चलते विद्यार्थियों को परिसर या बरामदे में बैठाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है, इससे 205 विद्यार्थियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
हाईस्कूल का भवन भी जर्जर
अल्मोड़ा हाईस्कूल का भवन भी जर्जर है। भवन में छह कक्ष जर्जर हो चुके हैं। छत और दीवारों पर दरारें पड़ चुकी हैं, इससे खतरा बना हुआ है। ऐसे में इन कक्षों में ताले लटकाने पड़ रहे हैं और जगह की भारी कमी हो गई है।
विद्यालय में नया भवन बनाने का मामला शासन स्तर का है। प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति के बाद ही यह संभव है।