भारत दुनियाभर में उम्र के मुक़ाबले छोटे क़द के बच्चों के मामले में बहुत पहले ही शीर्ष पर था. अब भारत में बच्चों में मोटापा चिंताजनक स्तर तक बढ़ गया है और विशेषज्ञों को आशंका है कि यदि इससे तुरंत नहीं निबटा गया तो ये महामारी का रूप भी ले सकता है.14 साल के मिहिर जैन जब साल 2017 में व्हीलचेयर पर बैठकर दिल्ली के मैक्स अस्पताल में बेरिएट्रिक सर्जन डॉ. प्रदीप चौबे से सलाह लेने पहुंचे तो डॉक्टर को अपनी आंखों पर यक़ीन नहीं हुआ.
यूनिसेफ़ की साल 2022 की वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस के मुताबिक भारत में 2 करोड़ 70 लाख से अधिक बच्चों का वज़न मोटापे की श्रेणी में हो सकता है. यानी 2030 तक दुनियाभर में दस में से एक मोटा बच्चा भारत में है.
मोटापे से लड़ने और इसके आर्थिक प्रभावों को कम करने की तैयारी के सूचकांक के मामले में भारत 183 देशों में 99वें पायदान पर है. अर्थव्यवस्था पर मोटापे का प्रभाव साल 2019 में 23 अरब डॉलर है जो 2060 तक बढ़कर 479 अरब डॉलर हो जाएगा.