मंजर देख कांप गई रूह, सिर्फ एक आवाज सुनाई दी-बचा लो…प्रत्यक्षदर्शी ने बताई आंखों देखी
रुद्रप्रयाग जिले में जिस जगह पर टेंपो-ट्रैवलर गिरा था वहां का मंजर देखकर रूह कांप गई थी और कलेजा मुंह में आने को हो रहा था। चारों तरफ खून ही खून बिखरा था। बस एक ही आवाज सुनाई दे रही थी, हमें बचा लो-हमें बचा लो। घायल और मृतक एक ही जगह पड़े थे, कुछ के शरीर पर कपड़े तक नहीं थे।
जैसे-तैसे कपड़ों से स्ट्रेचर बनाकर रेस्क्यू कर रहे युवा घायलों को सड़क तक लाए। यह बात, हादसे के बाद घायलों का रेस्क्यू करने वाले पहले प्रत्यक्षदर्शी रोहित डिमरी ने बताई। विश्व अखाड़ा परिषद गो रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी और दीपक नौटियाल रुद्रप्रयाग के रैंतोली में हुए दर्दनाक हादसे के दस मिनट बाद ही मौके पर पहुंच गए थे।
रोहित ने बताया कि घटनास्थल का मंजर देख हर कोई रोने लगा था। हादसा बहुत भयंकर था। टेंपो-ट्रैवलर सड़क से 250 मीटर नीचे पत्थरों से टकराते हुए नदी तल तक जा पहुंचा था। वाहन इस कदर क्षतिग्रस्त हुआ था जैसे प्लास्टिक का कोई खिलौना तोड़ दिया गया हो।
रोहित ने बताया कि घटनास्थल का मंजर देख हर कोई रोने लगा था। हादसा बहुत भयंकर था। टेंपो-ट्रैवलर सड़क से 250 मीटर नीचे पत्थरों से टकराते हुए नदी तल तक जा पहुंचा था। वाहन इस कदर क्षतिग्रस्त हुआ था जैसे प्लास्टिक का कोई खिलौना तोड़ दिया गया हो।
रोहित बताते हैं कि कई घायलों के कपड़े तक पूरी तरह से फट गए थे। ऐसे में रेस्क्यू में मौजूद लोगों ने तौलिया व अन्य कपड़ों से उनके शरीर को ढंका। कुछ लोग झाड़ियों में ही अटके थे, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालकर सड़क तक पहुंचाया गया।
शुरुआत में दो ही स्ट्रेचर होने के कारण, कपड़ों का वैकल्पिक स्ट्रेचर तैयार कर रेस्क्यू किया गया। रोहित ने बताया कि हादसे के बाद पत्थरों पर टकराने से सिर, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट लोगों की मौत का कारण रहा। उन्होंने बताया जीवन में ऐसा खौफनाक मंजर पहली बार देखा है, जिस पर अभी भी यकीन नहीं हो रहा है। संवाद
बता दें कि शनिवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग के समीप रैंतोली में सुबह 11.30 बजे टेंपाे-ट्रैवलर दुर्घटनाग्रस्त होकर अलकनंदा नदी में गिर गया था। इस वाहन में देश के अलग-अलग राज्यों के 23 लोगों के साथ ही चालक व दो हेल्पर सहित कुल 26 लोग सवार थे। जिसमें से 15 लोगों की मौत हो गई है।