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उत्तराखंड

 शिब्बू मेरे बच्चे…पिता के साथ बाहर आए शिवा को तेंदुए ने मार डाला, छह घंटे बाद मिला शव

हल्द्वानी-काठगोदाम क्षेत्र में बुधवार की रात लघुशंका करने के लिए पिता के साथ बाहर आए सात वर्षीय बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया। बालक का शव छह घंटे बाद बृहस्पतिवार सुबह घर के पास स्थित जंगल में मिला।

हल्द्वानी-काठगोदाम क्षेत्र में बुधवार की रात लघुशंका करने के लिए पिता के साथ बाहर आए सात वर्षीय बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया। बालक का शव छह घंटे बाद बृहस्पतिवार सुबह घर के पास स्थित जंगल में मिला। तेंदुए ने बालक को धड़ तक खा लिया था। घटना से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। घटना से काठगोदाम क्षेत्र के लोग दहशत में हैं।

निर्मला कॉन्वेंट स्कूल के सामने रेलवे ट्रैक के पास कुछ लोग लंबे समय से झोपड़ियां बनाकर रह रहे हैं। बक्शखेड़ा हरदोई (यूपी) निवासी प्रीतम भी 15 साल से यहां झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रहकर मजदूरी कर रहा है। उसकी पत्नी लोगों के घर में सफाई का काम करती है। प्रीतम ने बताया कि बुधवार की रात करीब 12 बजे बेटे शिब्बू उर्फ शिवा (7) ने लघुशंका जाने की बात कही। इस वह बेटे को लेकर झपड़ी से थोड़ी दूर लघुशंका कर रहा था। इस दौरान घात लगाए तेंदुए ने शिब्बू पर हमला कर दिया और उसे घसीटता हुआ नदी से लगे जंगल में ले गया। बेटे को तेंदुए का निवाला बनते देख पिता प्रीतम ने शोर मचाते हुए तेंदुए का पीछा किया लेकिन तब तक तेंदुआ जंगल में जा चुका था।

इधर शोर सुनकर आसपास के लोग भी एकत्र हो गए और बच्चे की खोजबीन शुरू की। सूचना पर काठगोदाम पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस की टीम ने भी जंगल में सर्च अभियान चलाया लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद भी बच्चे का कहीं पता नहीं चला। बृहस्पतिवार सुबह करीब छह बजे झोपड़ी से आधा किमी दूर शिब्बू का शव क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। तेंदुआ बच्चे के शव को सिर से धड़ तक खा चुका था। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। प्रीतम के तीन बच्चों दो बेटियों और एक बेटा में शिब्बू बीच का था।

सूचना पर एसडीएम परितोष वर्मा, तहसीलदार सचिन कुमार, एसडीओ ममता चंद, वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप पंत आदि स्थल पर पहुंचे। एसडीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को प्रभावित परिवार को मुआवजा देने के निर्देश दिए। उधर पुलिस और वन विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

काठगोदाम और आसपास के क्षेत्र में बुधवार की देर रात हुई घटना के बाद से लोगों में दहशत है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले भी तेंदुआ निर्मला कॉन्वेंट स्कूल के आसपास के क्षेत्र में रात के समय देखा जा चुका है। जिस स्थान पर यहां झोपड़ियां बनाकर लोग रह रहे हैं वह नदी किनारे के जंगल से सटा इलाका है। ऐसे में यहां कभी भी इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है। 

वन विभाग के गश्ती दल को मजदूर की झोपड़ी से नीचे गौला नदी और उससे लगे जंगल में कई जगह तेंदुए के पंजों के निशान मिले हैं। कुछ स्थानों पर बारिश के चलते निशान मिट गए हैं। गश्ती दल को जंगल के भीतर जगह-जगह खून भी नजर आया है। वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप पंत ने बताया कि 20 वन कर्मियों की टीम गौला से सटे जंगल में गश्त कर रही है। प्रथम दृष्टया हमला तेंदुए का लग रहा है। बच्चे के कपड़े जांच के लिए रखे गए हैं जिसे देहरादून स्थित लैब में भेजा जाएगा। तेंदुए पर नजर रखने के लिए छह कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं।

हल्द्वानी डिविजन के छखाता रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप पंत ने बताया कि विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को तात्कालिक मुआवजे के रूप में 50 हजार रुपये दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मुआवजे की शेष राशि औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मृतक के पिता के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। 

रानीबाग के पास एचएमटी फैक्टरी के पास कई दिनों से बाघ की चहलकदमी रिकाॅर्ड की गई है। कई बार स्थानीय लोगों ने दिनदहाड़े भी यहां बाघ देखा है। बाघ की मौजूदगी से एचएमटी फैक्टरी और आसपास के क्षेत्र में रह रहे लोगों में दहशत में हैं।

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