चार बच्चों और मां पर गिरी झोपड़ी…महिला रातभर मदद के लिए लगाती रही गुहार; ऐसे बिताई रात
हल्द्वानी में भारी बारिश के बीच मंगलवार रात चौफुला में झोपड़ी गिरने से महिला और उसके चार बच्चे उसके नीचे एक घंटे तक दब रहे। गुहार पर भी मदद नहीं मिलने पर महिला ने बच्चों को झोपड़ी के मलबे से बाहर निकाला और गीले कंबल में बैठकर रात बिताई।
हल्द्वानी में भारी बारिश के बीच मंगलवार रात चौफुला में झोपड़ी गिरने से महिला और उसके चार बच्चे उसके नीचे एक घंटे तक दब रहे। गुहार पर भी मदद नहीं मिलने पर महिला ने बच्चों को झोपड़ी के मलबे से बाहर निकाला और गीले कंबल में बैठकर रात बिताई। बुधवार सुबह सामाजिक कार्यकर्ती ने पीड़ित परिवार को वृद्धाश्रम पहुंचाया।
वार्ड 34 चौफुला चौराहा काली मंदिर निवासी रजनी ने बताया कि मंगलवार रात करीब एक बजे झोपड़ी की कच्ची छत गिर गई। कहा कि सभी टूटे तखत पर सोए थे। बल्ली और अन्य सामान गिरने से दो बेटिया और एक बेटा दब गया। हालांकि एक बेटा तख्त के नीचे घुस गया। मदद के लिए आसपास मौजूद घरों के बाहर जाकर शोर करती रही लेकिन भारी बारिश में कोई आगे नहीं आया। किसी तरह बच्चों को खुद ही बाहर निकाला। बृहस्पतिवार सुबह वृद्धाश्रम की सेवादार अल्का ने परिवार की दुर्दशा देखी तो पांचों को आश्रम सेवा समिति वृद्धाश्रम ले आई। मलबा गिरने से बच्चों को हल्की चोटें आई हैं।
आश्रम सेवा समिति वृद्धाश्रम के संचालक प्रकाश चंद्र डिमरी ने महिला और बच्चों को भोजन कराया और अपने पास आश्रम में जगह दी है। उन्होंने कहा कि अगर समाज के लोग मदद के लिए आगे आएं तो उनका घर बन सकता है।
रजनी का परिवार 16-17 साल पहले यूपी से रोजगार की तलाश में हल्द्वानी आया था। पति की चार साल पहले मौत हो गई थी। महिला परिवार चलाने के लिए घरों में मेड का काम करती है।
बारिश से परिवार के कपड़े, बिस्तर, बर्तन, चूल्हा और राशन बह गया। महिला ने बताया कि उसके बच्चे स्कूल भी नहीं जाते हैं। कहा कि उसके पास आधार कार्ड और बच्चों का जन्मप्रमाण पत्र नहीं है।