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उत्तराखंड

घर से मतदान करने की आयु सीमा बढ़ी, पंजाब में दो लाख मतदाता अब घर से ही कर सकेंगे मतदान

लोकसभा चुनाव में 85 साल की आयु के ऊपर के मतदाता ही घर से वोट डाल सकेंगे। ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 2 लाख है। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में 80 साल से ऊपर मतदाताओं के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध थी और पिछले विधानसभा चुनाव में इस वर्ग के मतदाताओं की संख्या 4 लाख थी।

चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव में घर से मतदान करने की सुविधा के लिए आयु सीमा बढ़ा दी है। पंजाब में लोकसभा चुनाव में 85 साल से ऊपर आयु के 2 लाख बुजुर्ग मतदाता घर से अपना वोट डाल सकेंगे, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में 80 साल की आयु से ऊपर के मतदाताओं के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध थी।

पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने बताया कि लोकसभा चुनाव में 85 साल की आयु के ऊपर के मतदाता ही घर से वोट डाल सकेंगे। ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 2 लाख है। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में 80 साल से ऊपर मतदाताओं के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध थी और पिछले विधानसभा चुनाव में इस वर्ग के मतदाताओं की संख्या 4 लाख थी। इस आयु वर्ग के अधिकतर मतदाताओं ने मतदान केंद्र पर ही अपना वोट डालने में दिलचस्पी दिखाई। यही कारण है कि आयोग की तरफ से इस आयु सीमा को अब बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की तरफ से ऐसे सभी मतदाताओं का डाटा जुटाया जाता है। घर-घर जाकर सर्वे किया जाता है कि ऐसे कितने मतदाता हैं जो घर से ही अपना वोट डालना चाहते हैं। इस सब के बाद ही बैलेट पेपर छपवाने की प्रक्रिया पूरी की जाती है और मतदान के दिन घर जाकर ही बैलेट पेपर से ऐसे सभी मतदाताओं का वोट डलवाया जाता है, जो मतदान केंद्र पर आने में असमर्थ है। बुजुर्ग मतदाताओं की सुविधा के लिए ही विभाग की तरफ से यह प्रक्रिया शुरू की गई है।

चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन, पुनरावृत्ति होगी खत्म मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अब चुनाव जब्त प्रबंधन प्रणाली की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर रहे हैं, जिससे अब अलग-अलग एजेंसियों की तरफ से जब्त सामान की पुनरावृत्ति एंट्री की समस्या खत्म हो जाएगी। 

चुनाव के दौरान बीएसएफ, आईटीवीबी, एनसीबी, पुलिस, एक्साइज विभाग व उड़नदस्ते की तरफ से चुनाव के दौरान कई तरह की सामग्री जब्त की जाती है। इसमें नकदी, ड्रग, शराब समेत अन्य सामान शामिल होता है। पहले अलग-अलग एजेंसियों के शामिल होने के चलते एक ही जब्ती की अधिक एंट्री दिखा दी जाती थी। इससे पुनरावृत्ति होती थी, लेकिन अब पूरा सिस्टम ऑनलाइन हो गया है। जैसे ही कोई भी एजेंसी सामान जब्त करेगी तो आयोग की एप पर ही तुरंत जानकारी आ जाएगी कि किस एजेंसी ने संबंधित सामग्री जब्त की है।

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