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एम्स का दीक्षांत समारोह: जेपी नड्डा ने छात्र-छात्राओं को मेडल से नवाजा, कहा-समाज व देश की सेवा में लगाएं अनुभव

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देशभर में एम्स संस्थानों ने गति पकड़नी शुरू की

एम्स के दीक्षांत समारोह में मेडिकल व पैरामेडिकल के 434 छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने सर्वश्रेष्ठ 10 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। छात्र-छात्राओं से कहा, देश के विकास में चिकित्सकों की अहम भूमिका होती है, उन्हें अपना अनुभव समाज व देश की सेवा में लगाना चाहिए।

मंगलवार को एम्स का पांचवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देशभर में एम्स संस्थानों ने गति पकड़नी शुरू की। कहा कि बीती आधी सदी में देश के पास एक एम्स था, मगर अटल बिहारी के प्रधानमंत्रित्व काल में देश में छह एम्स स्थापित हुए और नरेंद्र मोदी के दस वर्ष के कार्यकाल में अब तक 16 संस्थान स्थापित किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की नीतियों की बदौलत वर्तमान में देशभर में एक लाख 75 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से लोग स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। बीते दस वर्षों में देशभर में 780 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए, जिसमें लाखों छात्र मेडिकल चिकित्सा प्राप्त कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने एम्स की टेलीमेडिसिन, हेली एंबुलेंस, सुपरस्पेशलिटी सर्विस की सराहना की। कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदौलत अन्य संस्थानों की तुलना में एम्स देशभर में विशेष पहचान रखता है।

सीएम धामी ने कहा कि कहा कि पिछले एक दशक के दौरान देश में आयुष्मान भारत जैसे स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कहा कि एम्स ऋषिकेश रोबोटिक सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, हेली एंबुलेंस जैसी विशिष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है, जो कि समूचे राज्य के मरीजों के लिए लाभकारी है। कार्यक्रम को संस्थान के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी व डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया।

एम्स में हो चुकी हैं एक लाख 38 हजार सर्जरी
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि संस्थान वर्तमान में 200 आईसीयू बेड के साथ अस्पताल सेवाओं के अंतर्गत 103 स्पेशल क्लिनिक, चार दर्जन से अधिक विभागों की ओपीडी सेवाएं संचालित कर रहा है। एम्स अब तक एक लाख 38 हजार सर्जरी कर चुका है और स्थापना काल से अब तक नौ लाख से अधिक मरीज स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं।

1- स्वर्ण पदक
– डाॅ. हैदा आयुष अजय कुमार, 2021 बैच एमसीएच
– डॉ. रिद्मा बहल, 2022 बैच एमसीएच
– डॉ. इप्शिता साहू, 2021 बैच एमसीएच
– डॉ. आंकाक्षा विजय व्यास, 2022 बैच एमडीएस
– डॉ. कशिश, 2018 बैच एमबीबीएस
– डॉ. अदिति, 2018 बैच एमबीबीएस
– डॉ. रिशिता, 2028 बैच एमबीबीएस
– डॉ. संचित गुप्ता, 2018 एमबीबीएस
– वर्षा शर्मा, 2022 बैच एमएससी नर्सिंग
– पारूल पाल, 2020 बैच बीएससी नर्सिंग

2- सिल्वर पदक
– डॉ. मोमिता

3- कांस्य पदक
– डॉ. अदिति, 2018 बैच एमबीबीएस

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