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उत्तराखंड

निलंबित ग्राम प्रधान, प्रधानपति और वीपीडीओ सहित तीन पर प्राथमिकी दर्ज

निलंबन के बावजूद 12 अक्तूबर को वीपीडीओ और ग्राम प्रधान व ग्राम प्रधान के पति ने मिलकर तीन सड़कों के निर्माण के मामले में ग्राम सभा के खाते से 4 लाख 65 हजार 256 रुपये का भुगतान कर दिया। विभागीय जांच में इसकी पुष्टि हुई।सड़क निर्माण के अनियमितता के मामले में वीपीडीओ के निलंबन के बावजूद ग्राम सभा के खाते से 4.65 लाख का भुगतान हो गया। एडीओ पंचायत ने निलंबित ग्राम प्रधान, वीपीडीओ और ग्राम प्रधान के पति के खिलाफ तहरीद दी है।एडीओ पंचायत रचना ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि अकौढ़ा खुर्द गांव में सड़क निर्माण में अनियमितता के मामले में विभागीय जांच के बाद 10 अक्तूबर को डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह ने वीपीडीओ शंकरदीप को निलंबित करते हुए उन्हें भगवानपुर ब्लॉक से संबद्ध किए जाने के आदेश जारी किए थे।इस बीच सुमित खत्री की ओर से सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायत में बताया गया कि निलंबन के बावजूद 12 अक्तूबर को वीपीडीओ और ग्राम प्रधान व ग्राम प्रधान के पति ने मिलकर तीन सड़कों के निर्माण के मामले में ग्राम सभा के खाते से 4 लाख 65 हजार 256 रुपये का भुगतान कर दिया। विभागीय जांच में इसकी पुष्टि हुई।

जिस पर डीपीआरओ ने मामले में कार्रवाई के आदेश दिए थे। पुलिस ने आरोपी निलंबित वीपीडीओ शंकरदीप, निलंबित ग्राम प्रधान बसंती देवी और ग्राम प्रधान के पति पवन कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। कोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है।अकौढ़ा खुर्द गांव में कराई गई विभागीय जांच में सड़क निर्माण में गड़बड़ी की बात सामने आई थीं। इसपर डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह ने 10 अक्तूबर को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी शंकरदीप को निलंबित कर दिया था। मामले में नोटिस जारी होने के बाद भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने 17 अक्तूबर को ग्राम प्रधान बसंती देवी को निलंबित कर दिया था। ग्राम प्रधान की ओर से निलंबन के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी लेकिन उन्हें उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिल सकी है।सड़क निर्माण में गड़बड़ी के मामले में वीपीडीओ शंकरदीप के निलंबन की खबर सबसे पहले अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। निलंबन आदेश जारी होने के बाद भी ग्राम सभा के खाते से भुगतान किए जाने की शिकायत पर कराई गई जांच में अमर उजाला की खबर का संज्ञान लेते हुए उल्लेख किया गया है। निलंबन के आदेश जारी होने के बाद भी निलंबित वीपीडीओ ने ग्राम सभा की बैठक में प्रतिभाग किया था। हालांकि बैठक के बाद विभाग ने उन्हें निलंबन आदेश रिसीव कराए थे।



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