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उत्तराखंड

ये कैसी तैयारी…न कैंप शुरू न खिलाड़ियों की सूची, 38वें राष्ट्रीय खेलों की करनी है मेजबानी

अर्जुन अवार्डी सुरेंद्र कनवासी का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बहुत कम समय है। अभी से तय हो जाना चाहिए कि कौन से खेल कहां होंगे। खेल विभाग की तैयारी कागजों के बजाए धरातल पर दिखनी चाहिए।

उत्तराखंड अगले साल 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेगा, लेकिन अब तक न तो खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए शिविर शुरू हो पाए हैं, न संभावित खिलाड़ियों की सूची बन पाई है। कौन से खेल कहां होंगे, अभी यह भी तय नहीं है।

खेल प्रशिक्षकों और पूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि पिछले राष्ट्रीय खेलों से सीख लेते हुए आगे की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए, ताकि राष्ट्रीय खेलों को भव्य एवं सफल बनाने के साथ ही पदक तालिका में राज्य को श्रेष्ठ 10 राज्यों की सूची में शामिल किया जा सके। उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों का आवंटन 2014 में किया गया था।

इसके तहत 2018 में राष्ट्रीय खेल होने थे, तब निर्णय लिया गया था कि देहरादून और हल्द्वानी में केरल की तर्ज पर प्री-फेब्रिकेटेड खेल गांव का निर्माण किया जाएगा। इसका उपयोग राष्ट्रीय खेलों के अलावा आपदा राहत, पुलिस व्यवस्था आदि के लिए भी किया जा सकेगा, लेकिन 2014 में राष्ट्रीय खेलों के आवंटन के बाद विभिन्न कारणों से राष्ट्रीय खेल टलते आए हैं।

कागजों के बजाए धरातल पर दिखनी चाहिए तैयारी
अब अगले साल उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का अवसर मिला है, जिसे भव्य और सफल बनाने को अधिक तेजी से काम की जरूरत है। अर्जुन अवार्डी सुरेंद्र कनवासी बताते हैं कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बहुत कम समय है। अभी से तय हो जाना चाहिए कि कौन से खेल कहां होंगे। खेल विभाग की तैयारी कागजों के बजाए धरातल पर दिखनी चाहिए।

कहा, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि खेल विभाग को खेलों के लिए कुछ एसोसिएशनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। देखने में आया है कि एक-एक व्यक्ति पांच से छह एसोसिएशन चला रहा है। राष्ट्रीय खेलों के लिए विभाग को सभी प्रमुख एसोसिएशनों, पूर्व खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों के अनुभव का लाभ लेना चाहिए।

खेल प्रशिक्षक डीएम लखेड़ा बताते हैं किन खेलों में अधिक संभावनाएं हैं, उन पर फोकस होना चाहिए। खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण शिविर शुरू हो जाने चाहिए, ताकि राष्ट्रीय खेलों के दौरान खिलाड़ियों को इसका लाभ मिल सके।

राष्ट्रीय खेलों में सभी प्रतिभाओं को मिलेगा मौका

उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डीके सिंह के मुताबिक, जनवरी 2024 से राज्य ओलंपिक एसोसिएशन की ओर से क्लस्टरवार कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन किया जाएगा। क्लस्टरवार प्रतियोगिता में कोई भी खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकता है। यदि वह बेहतर प्रदर्शन करता है, तो उसका राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन होगा। इस प्रतियोगिता के बाद चयनित खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण कैंप लगाए जाएंगे।

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