बोरा से करीबी और रिश्तेदारी इन दो नेताओं के राजनीतिक कॅरिअर पर पड़ी भारी, जानिए नाम?
मुकेश बोरा से करीबी और रिश्तेदारी जिले के दो नेताओं के राजनीतिक कॅरिअर पर भारी पड़ गई।
मुकेश बोरा से करीबी और रिश्तेदारी जिले के दो नेताओं के राजनीतिक कॅरिअर पर भारी पड़ गई। दुष्कर्म के आरोपी का भागने में साथ देना, दोनों की राजनीतिक छवि को कितना नुकसान पहुंचाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन भाजपा की ब्लॉक प्रमुख और कांग्रेस से निवर्तमान चेयरमैन के खिलाफ विपक्षियों को बैठे बिठाए चुनावी मुद्दा जरूर मिल गया है।
धारी ब्लॉक प्रमुख आशा रानी, परिवहन कर अधिकारी नंदन आर्या, प्रॉपर्टी डीलर सुरेंद्र परिहार, भीमताल के निवर्तमान चेयरमैन देवेंद्र चनौतिया पर मुकेश बोरा के भागने में सहयोग करने पर धारा 212 आईपीसी (249 बीएनएस) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दुष्कर्म के आरोपी का साथ देने के मामले में आरोप लगने के बाद कांग्रेस से जुड़े देवेंद्र चनौतिया और भाजपा से जुड़ीं आशा रानी की मुश्किलें बढ़ना तय हैं, क्योंकि दिसंबर में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है।
वर्तमान परिस्थितियों के बाद बड़ा सवाल है कि भाजपा-कांग्रेस इनके साथ खड़ीं रहेंगी या पल्ला झाड़ लेंगी। जनता भी अपने नेताओं के साथ पुराने विश्वास के साथ खड़ी रहेगी या दोनों को नई जमीन तलाशने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा, इसका जवाब भी समय के गर्भ में छिपा हुआ है। बताया जा रहा कि दोनों दोबारा अपने-अपने क्षेत्रों से दावेदारी पेश कर रहे थे, अब केस दर्ज होने के बाद राजनीतिक समीकरण बदलने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
बताया जाता है कि मुकेश बोरा भीमताल के निवर्तमान चेयरमैन देवेंद्र सिंह चनौतिया की रिश्तेदारी में आता है। इसके कारण देवेंद्र की मुकेश से नजदीकियां थीं। वहीं, दुग्ध संघ अध्यक्ष होने के चलते मुकेश की अपने क्षेत्र में अच्छी पैठ थी। इसी पैठ के चलते मुकेश और आशा राजनीतिक कार्यक्रमों में साथ दिखाई देते थे। मुकेश बोरा के गिरफ्तार होने के बाद से भाजपा और कांग्रेस में दोनों नेताओं के कॅरिअर को लेकर तमाम चर्चाएं हैं।