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बैंक में मोबाइल नंबर अपडेट करना भूला NRI, ठगों ने खाते से निकाल लिए 57 लाख रुपये

नआरआई की शिकायत के बाद पुलिस ने 17.35 लाख रुपये रिकवर कर लिए हैं और 7.24 लाख रुपये को अलग-अलग बैंक अकाउंट में फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस ने एक मैकबुक एयर, तीन चेकबुक, चार मोबाइल फोन और आठ डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए हैं।

बैंक अकाउंट को मोबाइल नंबर से लिंक ना करना कितना महंगा पड़ सकता है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक शख्स के बैंक अकाउंट से 57 लाख रुपये निकल गए और उसे भनक तक नहीं लगी। नया मामला एक एनआरआई से जुड़ा हुआ है। ब्रिटेन में एक एनआरआई के खाते से 57 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। इस मामले में लुधियाना पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फ्रॉड में चार लोग शामिल थे। सुखजीत सिंह खुद को HDFC बैंक का एरिया रिलेशनशिप मैनेजर बनकर पीड़ित से बात करता था। लव कुमार को बिहार से, निलेश पांडे को गाजीपुर और अभिषेक को दिल्ली से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन सभी ने रमनदीप एम ग्रेवाल नाम के एनआरआई को उनके ही बंद हो चुके मोबाइल नंबर के जरिए 57 लाख का चूना लगाया है।

कैसे होती है इस तरह की ठगी

ये ठग बुजुर्ग, एनआरआई और गांव के लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। इस दौरान ये लोग बैंक अकाउंट की डीटेल भी निकालते हैं। इन्होंने रमनदीप के बैंक अकाउंट की डीटेल निकाली जिससे पता चला कि उनके बैंक अकाउंट से जो मोबाइल नंबर लिंक था उस नंबर को कोई और इस्तेमाल कर रहा है।

इन ठगों ने सबसे पहले उस शख्स का पता लगाया जो रमनदीप का पुराना नंबर इस्तेमाल कर रहा है। इसके बाद ठगों ने एनआरआई के नंबर को यूज कर रहे शख्स को नौकरी का झांसा देकर सिम कार्ड ट्रांसफर करने को कहा। इसके बाद उन्होंने उस नंबर को पोर्ट करा लिया। अब यह नंबर ठगों के नाम पर इश्यू हो चुका था।

इसके बाद मोबाइल नंबर की मदद से ठगों ने एनआरआई के इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट को हैक किया और ई-मेल आईडी को भी बदल दिया। इसके अलावा नए डेबिट कार्ड भी ऑर्डर कर दिए। इसके बाद ठगों ने अलग-अलग खाते में कुल 57 लाख रुपये ट्रांसफर किए।

एनआरआई की शिकायत के बाद पुलिस ने 17.35 लाख रुपये रिकवर कर लिए हैं और 7.24 लाख रुपये को अलग-अलग बैंक अकाउंट में फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस ने एक मैकबुक एयर, तीन चेकबुक, चार मोबाइल फोन और आठ डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए हैं।

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