शादियों के सीजन में करारे नोटों की बढ़ी मांग, बैंक में भी नहीं मिल रहे, अब करनी पड़ रही जेब ढीली
शादियों से कुछ दिनों पहले ही लोग नए नोटों की गड्डी की मांग करने लगते हैं। इस समय सहालग चल रहा है तो ऐसे में नए नोटों की मांग खूब हो रही है, लेकिन बैंकों में नए नोट नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में लोगों को बाजार का रुख करना पड़ रहा है।
शादियों के सीजन में करारे नोटों की मांग बढ़ गई है। इन नोटों को लेने के लिए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। बाजार में दुकानों पर करारे नोटों की गड्डी 40 प्रतिशत अधिक कीमत में बेची जा रही है। बैंक शाखाओं में छोटे नोटों की गड्डी कहीं तो मिल नहीं रही और जहां है भी वह करारे नहीं हैं। शादियों में नए नोटों की गड्डी की मांग काफी रहती है।
इनका प्रयोग मिलाई के साथ ही अन्य आयोजनों में किया जाता है। शादियों से कुछ दिनों पहले ही लोग नए नोटों की गड्डी की मांग करने लगते हैं। इस समय सहालग चल रहा है तो ऐसे में नए नोटों की मांग खूब हो रही है, लेकिन बैंकों में नए नोट नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में लोगों को बाजार का रुख करना पड़ रहा है।
दून में पलटन बाजार, झंडा बाजार सहित विभिन्न बाजारों में पूजा सामग्री सहित अन्य दुकानों पर नोटों की गड्डी भी मिल रही है। बाजार में 10 रुपये की 100 नोट की गड्डी 1450 रुपये में बेची जा रही है। वहीं 20 रुपये की 100 नोट की गड्डी 2450 रुपये में बेची जा रही है। इसके अलावा 50 रुपये की 100 नोट की गड्डी 5400 रुपये और 100 रुपये की गड्डी दस हजार 200 रुपये में बेची जा रही है।
बैंकों में नहीं है तो बाजार में कैसे आसानी से मिल रही गड्डी
बैंक कर्मचारी लोगों को नए नोट ना होने का हवाला देकर मना कर रहे है, बाजार में नए नोटों की गड्डी आसानी से मिल रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि जब बैंक में नए नोट की गड्डी नहीं है तो बाजार में दुकानों में ये कहां से पहुंच रही है।
दिवाली से पहले नए नोटों की गड्डियां आईं थीं। किन कारणों से नए नोट नहीं मिल रहे है ये दिखवाया जाएगा। अब दिसंबर में नए नोट की गड्डियां आएगी। यदि बैंक में नए नोट हैं तो कोई भी जाकर नए नोट ले सकता है।