नीति आयोग के उपाध्यक्ष से मिले धामी, कहा-पर्वतीय राज्यों की परिस्थितियों के हिसाब से बने नीति
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में पर्वतीय, मैदानी,भाबर और तराई क्षेत्र हैं। राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने से उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के दौरे पर आए नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी से पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुई नीतियों का निर्धारण करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने वाली नीति बनाने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में आयोग उपाध्यक्ष के साथ विभागीय बैठक के दौरान अहम मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। कहा, उत्तराखंड में पर्वतीय, मैदानी,भाबर और तराई क्षेत्र हैं। राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने से उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है।
उन्होंने पलायन रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। कहा, उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। बाढ़, भूस्खलन, अतिवृष्टि व वनाग्नि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से राज्य को हर साल जन-धन की काफी हानि होती है।
कहा, राज्य में विकसित किया गया अवस्थापना प्राकृतिक आपदाओं से काफी प्रभावित होता है। उन्होंने राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने की अपील की। आयोग उपाध्यक्ष ने सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी।
उन्होंने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में उत्तराखंड सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, नीति आयोग की राज्य सलाहकार सोनिया पंत, सचिव आर मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, एसएन पांडेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत आदि मौजूद थे।
नदी जोड़ो परियोजना के लिए तकनीकी सहयोग मांगा
सीएम ने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नीति आयोग से सहयोग की अपील की। कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना दीर्घकाल में गेम चेंजर साबित होगी। इस योजना के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है।
राज्य में रहती है 10 गुना आबादी की आवाजाही
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनसंख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है। लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनंसख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने आयोग से राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बनाने का अनुरोध किया।
सशक्त उत्तराखंड बनाने के लिए रोडमैप साझा किया
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखंड के तहत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किए है।