Home Tuition in Dehradun
उत्तराखंड

डीआरडीओ के कर्नल की कॉल रिकॉर्ड लीक, सूबेदार पर जासूसी और हत्या की साजिश का आरोप

कर्नल ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनकी सीडीआर अवांछनीय लोगों के पास होना देश की सुरक्षा के लिए भी चिंताजनक है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी कर्नल कमलेश सिंह बिष्ट ने अपने निजी मोबाइल की कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) को अवैध तरीके से निकाले जाने और उनके खिलाफ जासूसी व हत्या की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है।कर्नल ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनकी सीडीआर अवांछनीय लोगों के पास होना देश की सुरक्षा के लिए भी चिंताजनक है। उन्होंने सीधे तौर पर सहकर्मी रहे सूबेदार अजनीश पर यह षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। इस पर रायपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। शिकायतकर्ता अधिकारी की नजर में यह मामला जितना गंभीर है, उनकी शिकायत पर जांच शुरू करने में पुलिस पर उतनी ही ढिलाई बरतने का आरोप है। ये शिकायत लगभग नौ महीने से जिला पुलिस और एसटीएफ के बीच चक्कर काट रही थी।कर्नल बिष्ट के अनुसार, उन्होंने पहले बीती नौ जनवरी को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और फिर सात फरवरी को थाना रायपुर में शिकायत दी थी। कर्नल का आरोप है कि उन्हें आज तक जांच के संबंध में कोई जानकारी तक नहीं दी गई। आखिरकार एसटीएफ ने मामले में जीरो एफआईआर दर्ज करके रायपुर पुलिस को जांच के लिए भेजी। रायपुर थानाध्यक्ष गिरीश नेगी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है।थानाध्यक्ष ने बताया कि दिसंबर 2024 में एक अज्ञात महिला ने कर्नल बिष्ट को फोन कर बताया था कि उनके पूर्व कार्यालय (ईएमयू, डीआरडीओ) में कार्यरत सूबेदार अजनीश ने अवैध तरीके से उनकी सीडीआर निकलवाई है और उनके खिलाफ साजिश रच रहा है। चार फरवरी 2025 को डीआरडीओ के ही सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट कुलवंत सिंह का एक पत्र सामने आया। यह पत्र सेनाध्यक्ष को भी लिखा गया था और कर्नल बिष्ट को उसकी प्रति भेजी गई थी।

पत्र में सूबेदार अजनीश पर डीआरडीओ के संवेदनशील पद पर कर्नल बिष्ट की जासूसी करवाने, षड्यंत्र रचने और हत्या की सुपारी देने का जिक्र किया। सबूत के तौर पर कर्नल बिष्ट के मोबाइल नंबर की फरवरी और मार्च 2023 माह की सीडीआर के छह पन्ने संलग्न किए। कर्नल ने पुष्टि की है कि सीडीआर में दिखाई गई लोकेशन उनकी वास्तविक लोकेशन से मेल खाती है जिससे सीडीआर की सत्यता पर कोई संदेह नहीं है।

उनका कहना है कि एक वरिष्ठ पद पर और संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठान में नियुक्त रहते हुए उनकी निजी जानकारी (सीडीआर) का अवैध रूप से निकाला जाना और अवांछनीय तत्वों के पास होना एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकता है।

एसटीएफ के पास शिकायत आई थी। मामला रायपुर थाने से संबंधित था, इसलिए जीरो एफआईआर दर्ज करके जिला पुलिस को भेज दी गई है। 




Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button