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उत्तराखंड

रेलवे स्टेशन के बाहर टैक्सी में बैठाने के लिए चालकों ने यात्रियों पर बरसाई लाठियां, वीडियो वायरल

रेलवे स्टेशन से उतरने वाले यात्रियों को अपने वाहनों में लेकर जाने को लेकर विवाद हो गया। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार जाना चाह रहे थे, लेकिन वाहन चालक और उनसे जुड़े कुछ यूनियन के लोग उन पर भारी पड़ गए।

धर्मनगरी के रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद यात्री अपनी सुविधा के अनुसार जाना चाहता है, लेकिन टैक्सी और टैंपो चालक यात्रियों को जबरन अपने-अपने वाहनों में बैठने के लिए मजबूर करते हैं। इसके चलते कईं बार यात्रियों और टैक्सी-टैंपों चालकों में विवाद हो जाता है। शुक्रवार को कुछ इसी तरह का मामला सामने आया। जिसमें टैक्सी चालकों ने यात्रियों पर जमकर लाठियां बरसाई। रेलवे और रोडवेज के बीच चले करीब आधे घंटे तक इस घटनाक्रम के बीच एक भी पुलिसकर्मी बचाव में नहीं आया। वहीं स्थानीय लोग घटना से पूरी तरह सहमे दिखे।

इस पूरे घटनाक्रम की एक वीडियो भी वायरल हो रही है। इसमें रेलवे स्टेशन से उतरने वाले यात्रियों को अपने वाहनों में लेकर जाने को लेकर विवाद हो गया। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार जाना चाह रहे थे, लेकिन वाहन चालक और उनसे जुड़े कुछ यूनियन के लोग उन पर भारी पड़ गए। पहले तो गाली-गलौज की और जब यात्री नहीं मानें और उनके जबरदस्ती का विरोध जताया तो वाहन चालक और उनके गिरोह के सदस्य लाठी डंडे लेकर उन पर टूट पड़े।

वायरल वीडियो में कई राहगीर भागने के चक्कर में गिरते दिखाई दे रहे हैं। यहां टैक्सी चालक और उनके गिरोह का इतना भय है कि स्थानीय कारोबारी भी डरते हैं। अधिकांश व्यापारियों का कहना है कि अगर उन्होंने कुछ कहा तो उनका व्यावसाय कर पाना मुश्किल हो जाएगा।

फिल्मी अंदाज में चलती है स्टेशन के बाहर दादागिरी
रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन के बीच किसकी दुकान लगनी है, फुटपाथ पर किसका कब्जा होना है इसका निर्धारण वहां के कुछ गिरोह और उनसे जुड़े सदस्य करते हैं। हालत यह है कि नाले के ऊपर किसकी दुकान लगेगी। उसके आगे फुटपाथ पर किसी और किसे आधे रोड पर पसर कर गुब्बारा, बांसुरी और खिलौने बेचना है यह सभी तय करते हैं। सक्रिय गिरोह के लोग। रेलवे पुलिस की फोर्स केवल अपने चहारदीवारी तक सीमित रहती है। जबकि स्थानीय पुलिस का एक होमगार्ड भी इस परिसर के बीच नहीं दिखता है। कई बार तो रोडवेज की बस स्टेशन में प्रवेश और निकास के दौरान आधे-आधे घंटे तक फंसी रहती है, लेकिन सड़क पर कब्जा जमाए टैक्सी चालक अपनी मन मर्जी के मुताबिक रास्ता देते हैं।

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