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उत्तराखंड

सुधार के बाद भी लगातार जान ले रहे मौत के 40 मुहाने बने सिरदर्द, ये हैं पांच जिलों के ब्लैक स्पॉट

सुधार के बाद भी पिछले तीन साल में 308 दुर्घटनाओं में 219 लोगों ने जान  गंवाई हैं। परिवहन विभाग अब नए सिरे से इन ब्लैक स्पॉट पर सफर सुरक्षित बनाने की कवायद में जुटा हुआ है।

सुधार के बाद भी पांच जिलों के 40 ब्लैक स्पॉट ऐसे हैं, जहां दुर्घटनाओं में लोग लगातार जान गंवा रहे हैं। परिवहन विभाग और पुलिस के लिए यह मौत के मुहाने सिरदर्द बने हुए हैं। हालांकि, 43 स्थान ऐसे हैं, जहां सुरक्षा संबंधी सुधार करने के बाद से कोई दुर्घटना नहीं हुई है। अब 36 अन्य ब्लैक स्पॉट पर परिवहन विभाग काम कर रहा है।

परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 40 खतरनाक मौत के मुहाने हैं, जिन पर अब तक 987 दुर्घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं। इनमें 713 लोगों ने जान गंवाई है। इनके सुधारीकरण के बाद यहां 308 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 219 की मौत हुई है। परिवहन विभाग अब नए सिरे से इन ब्लैक स्पॉट पर सफर सुरक्षित बनाने की कवायद में जुटा हुआ है।

प्रदेशभर में कुल 165 चिह्नित ब्लैक स्पॉट हैं, जिनमें से 129 पर सुधार की कार्रवाई की गई है। 36 स्पॉट अभी बचे हुए हैं। देहरादून में सर्वाधिक 49 में से 37 का सुधार हुआ है और 12 बचे हैं। हरिद्वार में 40 में से 35 का सुधार हुआ, पांच शेष हैं। ऊधमसिंह नगर में 39 में से 31 का सुधार हुआ, आठ शेष हैं।

नैनीताल में 16 में से 11 का सुधार हुआ, पांच शेष हैं। टिहरी में सभी सातों ब्लैक स्पॉट का सुधार हो चुका है। पिथौरागढ़ में सभी तीनों, पौड़ी, अल्मोड़ा व चमोली के सभी दो-दो और चंपावत के एक ब्लैक स्पॉट का सुधार कर दिया गया है।

ब्लैक स्पॉट, जहां नहीं रुक रहे हादसे

हरिद्वार-21, ऊधमसिंह नगर-आठ, नैनीताल-नौ, उत्तरकाशी-एक, देहरादून-एक

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