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उत्तराखंड

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का पहला पड़ाव आरपार, गूलर से व्यासी के बीच अंतिम सुरंग का ब्रेकथ्रू

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लाइन में अंतिम सुरंग के ब्रेकथ्रू को महीनों की सटीक योजना, भूगर्भीय विश्लेषण और तकनीकी दक्षता से पूरा किया गया।

महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में से एक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल लाइन में ऐतिहासिक सफलता हासिल हुई है। परियोजना के पैकेज-2 में गूलर से व्यासी के बीच 6.6 किमी लंबी अंतिम सुरंग का ब्रेकथ्रू शुक्रवार को पूरा हो गया। इससे पहले शिवपुरी से गूलर के बीच 6.5 किमी की पहली सुरंग का ब्रेकथ्रू हो चुका है।लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड द्वारा रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के निर्देशन में कार्यान्वित इस पैकेज में दो प्रमुख सुरंगें शामिल हैं। यह सुरंगें कठिन पर्वतीय भूगोल, भूकंपीय संवेदनशीलता और जटिल भूगर्भीय संरचनाओं से गुजरती हैं। अंतिम सुरंग के ब्रेकथ्रू को महीनों की सटीक योजना, भूगर्भीय विश्लेषण और तकनीकी दक्षता से पूरा किया गया।परियोजना में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड जैसी उन्नत तकनीक और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, जिससे समयबद्ध प्रगति और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी। इस अवसर पर एलएंडटी, आरवीएनएल और युक्सेल आईसीटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी टीम के प्रयासों और समर्पण की सराहना की।

सुरंग निर्माण के दौरान कई चुनौतियां
आरवीएनएल के परियोजना प्रबंधक रविकांत ने कहा कि यह सफलता योजना, इंजीनियरिंग कौशल और श्रमिकों की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने बताया कि सुरंग निर्माण के दौरान कई चुनौतियां सामने आईं, जिनमें कठोर चट्टानें, भूमिगत जल रिसाव और प्रतिकूल मौसम शामिल रहे।यह ब्रेकथ्रू न केवल तकनीकी सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है। परियोजना के इस चरण की सफलता से भविष्य में यात्री परिवहन में सुविधा बढ़ेगी और यात्रा समय में भारी कमी आएगी।

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