प्रदेश में जंगल धधक रहे, आग की घटनाओं को छिपा रहा वन विभाग
देहरादून वन प्रभाग की लच्छीवाला रेंज की दूधली बीट एवं बड़कली में मंगलवार शाम जंगल में आग लग गई थी। आग मोथरोवाला-दूधली मार्ग के किनारे जंगल में लगी होने पर फायर ब्रिगेड के दो वाहनों को आग बुझाने के लिए बुलाया गया।
प्रदेश में पिछले कुछ दिन वनाग्नि की घटनाओं से राहत के बाद जंगल फिर धधकने लगे हैं, पिछले 24 घंटे में गढ़वाल से कुमाऊं तक 9 जगह जंगल धधके, लेकिन विभाग की ओर से राज्यभर में मात्र तीन घटनाएं दिखाई गई है। विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे 3 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
देहरादून वन प्रभाग की लच्छीवाला रेंज की दूधली बीट एवं बड़कली में मंगलवार शाम जंगल में आग लग गई थी। आग मोथरोवाला-दूधली मार्ग के किनारे जंगल में लगी होने पर फायर ब्रिगेड के दो वाहनों को आग बुझाने के लिए बुलाया गया। वहीं, वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। देर रात आग पर काबू पा लिया गया। जबकि बुधवार एक बार फिर दूधली बीट में जंगल धधकने लगे। वन दरोगा पीएस रावत के मुताबिक देर रात लगी आग से एक पेड सुलग रहा था। जिसके गिरने से जंगल में फिर से आग लग गई।
उधर पौड़ी जिले में वनाग्नि की तीन और चमोली जिले में एक घटना हुई है। जबकि वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गढ़वाल में दो और कुमाऊं में वनाग्नि की मात्र एक घटना हुई है। जिससे तीन हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वनाग्नि की राज्यभर में हुई तीन घटनाओं में रामनगर वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में एक, मसूरी वन प्रभाग में एक और रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में एक घटना हुई है। इसे मिलाकर राज्यभर में वनाग्नि की अब तक 1068 घटनाएं हो चुकी हैं। जिससे 1442 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
अब तक 421 मामले हुए दर्ज
जंगल में आग लगाने के आरोप में वन विभाग की ओर से अब तक 421 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिसमें 357 अज्ञात और 64 ज्ञात मामले हैं।