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उत्तराखंड

राज्य  के लिए सौगात राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी तैयार होगा ढांचा, रुकेगा खिलाड़ियों का पलायन

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित सुभाष राणा ने राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को राज्य के लिए सौगात बताया। कहा कि खेल का जो ढांचा 10-20 वर्षों में बनना था, वह अब तुरंत बन जाएगा।

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा ने कहा, 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी राज्य के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। इस आयोजन से खेलों के लिए इतना बड़ा आधारभूत ढांचा उत्तराखंड में तैयार होगा, जिससे खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

कहा, राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खिलाड़ियों के पलायन को भी रोकने वाला साबित होगा। राणा ने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन और तैयारियों के लिए सीएम धामी को शुभकामनाएं दी। उत्तराखंड की शूटिंग फेडरेशन से जुड़े राणा ने द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर कहा, जब आपके काम को मान्यता मिलती है, तो स्वाभाविक तौर पर उत्साह बढ़ने के साथ खुशी मिलती है।

कहा, कई खेलों में अन्य प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर रहे कई खिलाड़ी अब उत्तराखंड से खेलने के इच्छुक हैं। ऐसे कई खिलाड़ियों ने उनसे संपर्क किया है। कई खिलाड़ी खेलों की अन्य फेडरेशन से भी संपर्क कर रहे हैं।

बतौर खिलाड़ी/कोच ये हैं उपलब्धियां

चार अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण और दो रजत पदक हासिल किए हैं। वर्ष 1994 में इटली और 1998 में स्पेन में हुई विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लिया था। कोच के तौर पर वर्ष 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में शामिल हुई शूटिंग टीम को प्रशिक्षित किया था। इस टीम ने पैरालंपिक में पांच मेडल जीते थे।

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सुभाष राणा को हार्दिक बधाई। खेल क्षेत्र में उत्तराखंड दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रहा है। अब राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल विकास में एक नई इबारत लिखेगा। खेलों में उत्तराखंड और देश का नाम आगे बढ़ाने वाले सभी खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों से अपील है कि वे राष्ट्रीय खेलों में अपनी भागीदारी निभाएं।

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