सरकार मानदेय बढ़ाने को तैयार फिर भी आंदोलन पर अड़े उपनल कर्मचारी, जानें क्या है वजह
सरकार के आश्वासन पर भी उपनल कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने कहा, विभिन्न विभागों में वर्षों की सेवा के बाद उनके पदों को सृजित पदों के विपरीत बताते हुए उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है।
प्रदेश के उपनल कर्मचारी बुधवार को तीसरे दिन भी कार्यबहिष्कार पर रहे। कर्मचारियों ने एकता विहार में प्रदर्शन कर धरना दिया। इस बीच कुछ कर्मचारियों की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में वार्ता कराई गई। कर्मचारियों ने कहा, मुख्यमंत्री ने 10 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया है, लेकिन जब तक सभी मांगों पर अमल नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा।
धरना स्थल एकता विहार में एकत्र हुए उपनल कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा, विभिन्न विभागों में वर्षों की सेवा के बाद उनके पदों को सृजित पदों के विपरीत बताते हुए उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है।
उनके सुरक्षित भविष्य के लिए उनके पदों को अधिसंख्यक घोषित करने के साथ ही उनके मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद कर्मचारी सचिव दीपेंद्र चौधरी से भी मिले। उपनल कर्मचारियों ने कहा, सरकार ने अन्य मांगों के लिए कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है।
प्रदर्शन कर धरना देने वालों में उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्च के संयोजक विनोद गोदियाल, शंभू दत्त बुधानी, विनय प्रसाद, महेश भट्ट, प्रमोद गुसाई, मीना रौथाण, कल्पना बर्तवाल, स्नेहा बिष्ट, राजकुमारी नेगी, विजय राम खंकरियाल, नरेश शाह, राकेश राणा आदि शामिल रहे।