गुनाह या बेगुनाह… सच सामने लाएगा खून का 100 कतरा, पूरी हकीकत को सामने लाएगी ये रिपोर्ट
देश भर में सुर्खियों में आ चुके कन्नौज कांड की सच्चाई सामने लाने के लिए हर जतन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब आरोपी की डीएनए जांच के लिए उसके खून का नमूना भी लिया गया है। उसका पांच एमएल खून जांच के लिए लिया गया है। इस पांच एमएल खून का 100 कतरा ही अब उसके गुनाह और बेगुनाह होने की हकीकत को सामने लाने में अहम किरदार अदा करेगा।
अपने ही कॉलेज में एक किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में घिर कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाए गए पूर्व ब्लॉक प्रमुख की बेगुनाही अब उनका ही खून साबित करेगा। जब किशोरी ने अदालत में अपने साथ दुष्कर्म होने की बात कही तो पुलिस ने मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए आरोपी का डीएनए जांच कराने का फैसाल किया।
उसी कड़ी में शुक्रवार को बाकायदा अदालत से मंजूरी ली गई। खुद आरोपी ने भी अपनी बेगुनाही को सामने लाने के लिए अपनी जांच कराने की रजामंदी दी। इसी के तहत अदालत के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक डॉक्टर ने जिला जेल पहुंचकर आरोपी नवाब सिंह के शरीर से खून का नमूना लिया।
स्वास्थ्य विभाग के जानकारों के मुताबिक डीएनए की जांच के लिए पांच एमएल खून का सैंपल लिया जाता है। इसके लिए बाकायदा शीशे की एक शीशी होती है। उसी में खून को इकट्ठा कर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जाता है। शुक्रवार को यह प्रक्रिया पूरी की गई।
अब खून के नमूने को फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा। वहां की जांच रिपोर्ट ही पूरी हकीकत को सामने लाएगी। इसी कड़ी में पीड़िता के खून का नमूना भी लिया गया है। उसके आरोपों की हकीकत भी उसके खून की रिपोर्ट से ही आएगी।
आठ से दस तक लग सकता है समय
अमूमन डीएनए की जांच के लिए एक नमूने की जांच के लिए आठ से 10 दिन का समय लगता है। यह फॉरेंसिक लैब में पहले से जमा नमूनों की संख्या पर भी निर्भर करता है। किसी खास मामले में पुलिस की ठोस पैरवी से इसमें समय कम भी लग सकता है।
सीएमओ डॉ. विनोद कुमार के मुताबिक फॉरेंसिक लैब में पहले से इस तरह की जांच के लिए कितने सैंपल जमा हैं, इसी पर जांच का समय निर्भर करता है।
डीएनए जांच के लिए भेजा गया दुष्कर्म के आरोपी नवाब सिंह का सैंपल
कॉलेज में 14 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में घिरे पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव का कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को डीएनए सैंपल लिया गया। कोर्ट के पूछने पर आरोपित ने इसकी रजामंदी दी थी। देर शाम मेडिकल टीम ने जिला जेल पहुंचकर आरोपी का नमूना इकट्ठा किया। आरोपी की जमानत अर्जी पर शनिवार को सुनवाई की जाएगी।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख को 12 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उसके वकीलों की ओर से जमानत के लिए डाली गई अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई की गई। इस दौरान आरोपी पर दुष्कर्म की धारा बढ़ाने की जानकारी पुलिस ने दी। आरोपी के वकील शिव कुमार ने इस पर आपत्ति जताते हुए एक दिन की मोहलत मांगी है। इसी के तहत जमानत पर सुनवाई शनिवार को होगी।
आरोपी के डीएनए के लिए पुलिस की ओर से पेश की गई अर्जी पर आरोपी पक्ष के वकील ने आरोपी से भी रजामंदी लेने को कहा। इस पर उसे जिला जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट की सुनवाई में शामिल किया गया। अदालत के पूछते ही उसने डीएनए जांच के लिए हामी भर दी।