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उत्तराखंड

भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन… हिमाचल, उत्तराखंड में आठ की मौत, दो लापता और 13 घायल

छह मौतें हिमाचल में और दो उत्तराखंड में हुई हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है।हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से और आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि 13 लोग घायल हुए हैं और दो लापता हैं। इनमें से छह मौतें हिमाचल में और दो उत्तराखंड में हुई हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। राज्य को अब तक 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में यह घोषणा की।सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 24 और 34 लागू कर दी गई है। आपातकालीन प्रतिक्रिया के तहत जिला मजिस्ट्रेट आवश्यक आदेश जारी कर सकते हैं, जो उन्हें किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में ऐसा करने के लिए अधिकृत करता है। राज्य में अगस्त में करीब 76 वर्षों की रिकॉर्ड बारिश हुई है। प्रदेश में साल 1901 के बाद से अगस्त में नौवीं सबसे अधिक बारिश (431.3 मिलीमीटर) हुई है। यह साल 1949 के बाद से अगस्त में हुई सबसे अधिक बारिश है। 1948 में 456 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।अधिकारियों ने बताया कि रेड अलर्ट के बीच हुई भारी बारिश में शिमला के जुन्गा, जुब्बल-कोटखाई और सिरमौर में भूस्खलन से छह लोगों की जान गई है। इनमें एक पिता-पुत्री भी शामिल हैं। कुमारहट्टी में एक मकान जमींदोज होने से चार लोग घायल हुए हैं जबकि पहाड़ी से पत्थर गिरने से तीन मणिमहेश यात्री घायल हुए हैं। मनाली-लेह हाईवे ठप होने से कोकसर में 250 वाहन फंसे हैं। प्रदेश में पांच एनएच समेत 1,277 सड़कें, 3207 बिजली ट्रांसफार्मर और 790 पेयजल योजनाएं ठप हैं।उत्तरकाशी के सयालब से कुलदेवी की डोली लेकर वापस जा रहे 10 लोगों के वाहन पर रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर मुनकटिया के पास एक बोल्डर ऊपर से गिर गया। हादसे में रीता देवी और चंद्र सिंह की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया। एसडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवान भी घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को वाहन से बाहर निकाला। मौसम विभाग ने देहरादून और उत्तरकाशी जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। सोमवार को भारी बारिश से गजियावाला में संसारी माता का मंदिर ढह गया।पंजाब में बाढ़ और बारिश की वजह से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। 12 जिलों के 2.56 लाख लोग प्रभावित हैं। किसानों पर भी बाढ़ की बड़ी मार पड़ी है। सूबे में 94,061 हेक्टेयर फसल बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे ज्यादा मानसा जिले में किसानों की फसल बर्बाद हुई है। मौसम विभाग ने मंगलवार को पंजाब में बारिश का रेड और बुधवार को यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही कहा कि पहाड़ों पर भी यदि बारिश न थमी तो पंजाब में हालात और बिगड़ सकते हैं। सात सितंबर तक बूंदाबांदी के आसार बताए जा रहे हैं।हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण मणिमहेश यात्रा में फंसे श्रद्धालुओं को जल्द रेस्क्यू करने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रणय प्रताप सिंह ने अदालत को आश्वासन दिया कि पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। प्रभावितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इस मामले में राज्य और केंद्र ने स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए अदालत से दो सप्ताह का समय मांगा। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस मांग को स्वीकार किया। अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। याचिका में केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को तत्काल बचाव अभियान चलाने का निर्देश देने की अपील की गई है।



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