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उत्तराखंड

ओडिशा की मयूरभंज सीट से जेएमएम की उम्मीदवार होंगी हेमंत सोरेन की बहन अंजनी, त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

मयूरभंज की सीमा झारखंड के सिंहभूम जिले से मिलती है। अंजनी सोरेन ने 2019 में भी इस सीट से चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहीं थी। अब एक बार फिर उनके चुनाव में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।  

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बुधवार को ओडिशा की मयूरभंज लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया। मयूरभंज से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की बहन अंजनी सोरेन जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी। अंजनी सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबु सोरेन की बेटी हैं। जेएमएम ने अंजनी सोरेन की मयूरभंज सीट से उम्मीदवारी को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। 

अंजनी सोरेने के नाम के एलान से दिलचस्प हुआ मयूरभंज का मुकाबला
मयूरभंज लोकसभा सीट पर अंजनी के नाम के एलान के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। दरअसल इस सीट पर भाजपा ने नाबा चरण माझी को उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां से जीत मिली थी। इस बार भाजपा ने मयूरभंज से अपना उम्मीदवार बदला है और बिशेश्वर टुडू की जगह नाबा चरण माझी को मैदान में उतारा है। वहीं बीजद के टिकट पर सुदाम मरंडी चुनाव मैदान में हैं। सुदाम मरंडी एक समय ओडिशा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेता थे लेकिन बाद में वे बीजद में शामिल हो गए। सुदाम मरंडी जनाधार वाले नेता हैं और अब बीजद का साथ मिलने से उनका दावा मजबूत है। अब अंजनी सोरेन के नाम के एलान से यहां मुकाबला कड़ा हो गया है।

मयूरभंज आदिवासी बहुल इलाका
मयूरभंज की सीमा झारखंड के सिंहभूम जिले से मिलती है। अंजनी सोरेन ने 2019 में भी इस सीट से चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहीं थी। अब एक बार फिर उनके चुनाव में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। मयूरभंज लोकसभा सीट आदिवासी बहुल है और यहां की सात विधानसभा सीटों में से छह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। जेएमएम के साथ गठबंधन के चलते कांग्रेस ने यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। 

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